लोक प्रशासन में प्रधानमंत्री पुरस्कार के लिए ‘गुणवत्ता’ पर होगा जोर- जितेंद्र सिंह

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने सोमवार को लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार से जुड़ी एक समर्पित एक वेबसाइट की शुरुआत की. उन्होंने कहा कि विजेताओं के चयन के दौरान मात्रात्मक लक्ष्यों की प्राप्ति के बजाय गुणात्मक उपलब्धियों पर जोर दिया जाएगा. प्रधानमंत्री पुरस्कार से जुड़ी वेबसाइट पर पंजीकरण और आवेदन दाखिल करने की प्रक्रिया सोमवार से शुरू हो गई तथा यह 28 नवंबर तक चलेगी. कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2014 के बाद प्रधानमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार की संपूर्ण अवधारणा और प्रारूप में क्रांतिकारी बदलाव आया है.

उन्होंने कहा कि इन पुरस्कारों का मकसद रचनात्मक प्रतिस्पर्धा, नवाचार और सर्वोत्तम प्रथाओं के संस्थानीकरण व दोहराव को प्रोत्साहित करना है. कार्मिक मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, “प्रधानमंत्री पुरस्कार-2022 के तहत विजेता जिले/संगठन को एक ट्रॉफी, एक प्रशस्ति पत्र और 20 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी, जिसका इस्तेमाल लोक कल्याण से जुड़े किसी भी क्षेत्र में योजनाओं/परियोजनाओं के क्रियान्वयन और संसाधनों की कमी को पाटने के लिए किया जाएगा. बयान के अनुसार, “लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए 16 प्रधानमंत्री पुरस्कार दिए जाएंगे. इस बाबत एक अप्रैल 2020 से 30 सितंबर 2022 के बीच किए गए कार्यों पर विचार किया जाएगा.” इसमें कहा गया, “प्रधानमंत्री पुरस्कार के तहत सुशासन, गुणात्मक उपलब्धियों और अंतिम व्यक्ति को उचित लाभ देने के लिए किए गए कार्यों पर जोर होगा, न कि सिर्फ मात्रात्मक लक्ष्यों की प्राप्ति पर. सिंह ने याद किया कि सिविल सेवा दिवस-2022 पर अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने अंतिम व्यक्ति को उचित लाभ देने के लिए लगातार एक संपूर्ण निर्बाध तंत्र बनाने पर जोर दिया था.

सिंह ने कहा कि हम इस तंत्र को जितना मजबूत बनाएंगे, अंतिम व्यक्ति को सशक्त बनाने के देश के लक्ष्य को प्राप्त करने में उतनी मदद मिलेगी. सिविल सेवा दिवस हमारे अंदर नयी ऊर्जा का संचार करने और नए संकल्प लेने अवसर बनना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमें नए अधिकारियों में नया उत्साह भरना चाहिए. जिले के कुछ उद्यमी या जो किसी विशेष जिले में सक्रिय रहे हैं, उन्हें अपनी सीख और अनुभवों को साझा करने के लिए बुलाया जा सकता है, जिन्हें बाद में सर्वोत्तम प्रथाओं के रूप में दोहराया जा सकता है. बयान के मुताबिक, उम्मीद है कि इस योजना में हिस्सा लेने वाले सभी जिलों को लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार हासिल करने के प्रयास में अपना प्रदर्शन दिखाने का मौका मिलेगा. साल 2022 में लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार से जुड़ी योजना का मकसद ‘हर घर जल योजना’ के तहत ‘स्वच्छ जल’ की आपूर्ति, स्वास्थ्य एवं देखभाल केंद्रों के जरिये ‘स्वस्थ भारत’ और ‘समग्र शिक्षा’ अभियान के तहत समान और समावेशी कक्षाओं के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सिविल सेवकों की ओर से दिए गए योगदान को मान्यता देना है. सोर्स- भाषा