1 सितंबर से सरकारी जमीनों पर हटाए जाएंगे अतिक्रमण, जोन उपायुक्तों की रिपोर्ट के आधार पर चलेगा अभियान

जयपुरः जेडीए की जमीनों पर मौज काट रहे अतिक्रमियों की अब खैर नहीं. जेडीए अब अपनी बेशकीमती जमीनों को अतिक्रमियों के चंगुल से मुक्त कराने की तैयारी कर रहा है. जल्द ही इन अतिक्रमणों पर जेडीए का पीला पंजा चलता नजर आएगा. नगरीय विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने इस 9 जुलाई को जेडीए में अधिकारियों की बैठक ली थी. इस बैठक में यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने निर्देश दिए थे कि सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण चिन्हित कर उन्हें हटाने की कार्रवाई शुरू की जाए. इन निर्देशों पर जेडीए की प्रवर्तन शाखा की ओर से सभी जोन कार्यालयों से सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण की रिपोर्ट मांगी गई थी. आपको सबसे पहले बताते हैं कि जोन कार्यालयों की ओर से भेजी गई रिपोर्ट के अनुसार कुल कितनी जमीनों पर किस प्रकार के अतिक्रमण बताए गए थे और सरकारी जमीनों को अतिक्रमण मुक्त करने की कवायद का उद्देश्य क्या है?

-9 जुलाई को ली जेडीए की समीक्षा बैठक के बाद यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा
-"यह कटु सत्य है कि जेडीए को विकास कार्य के लिए धन की आवश्यकता है" 
-"इसलिए जोन वार सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण चिन्हित करने के निर्देश दिए हैं" 
-"इन जमीनों के बेचान से जैसे-जैसे धन आएगा, उसके अनुसार विकास कार्य करवाए जाएंगे"
-सरकारी जमीनों पर अतिक्रमणों की जोन कार्यालयों ने जेडीए की प्रवर्तन शाखा को रिपोर्ट भेजी थी
-इस रिपोर्ट के अनुसार कुल 820.43 हेक्टेयर जमीन अतिक्रमण से प्रभावित बताई गई
-इस जमीन में से 370.11 हेक्टेयर भूमि पर स्थायी और अस्थायी अतिक्रमण बताए गए थे
-इसमें से 192.58 हेक्टेयर भूमि पर स्थायी अतिक्रमण बताए गए
-जबकि 177.53 हेक्टेयर सरकारी भूमि पर अस्थायी प्रकार के अतिक्रमण बताए गए

जेडीए के जोन कार्यालयों की ओर से भेजी गई रिपोर्ट के अनुसार जोन 3 में किसी भी सरकारी भूमि पर अतिक्रमण नहीं बताया गया  जबकि जोन 13 में सरकारी जमीनों पर सबसे अधिक अतिक्रमण बताए गए. जोन कार्यालयों की ओर से सरकारी जमीनों पर भेजी गई रिपोर्ट को प्रवर्तन शाखा ने अधूरी और अस्पष्ट माना. इसी के चलते जेडीए की प्रवर्तन शाखा की ओर से इस रिपोर्ट के आधार पर अतिक्रमण हटाने की नियमित कार्रवाई नहीं की गई. हाल ही इस मामले में विधानसभा में यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने जेडीए अधिकारियों की दुबारा बैठक ली. यूडीएच मंत्री के बैठक में दिए आदेश के बाद जेडीए सचिव हेम पुष्पा शर्मा की ओर से सभी जोन उपायुक्तों का निर्देश दिए गए. आपको बताते हैं कि इन निर्देशों के तहत किस तरह सरकारी जमीनों की सुरक्षा को लेकर हिदायत दी गई है.

जेडीए सचिव की ओर से जारी निर्देशों के मुताबिक 
सरकारी जमीनों के सत्यापन के लिए जोन उपायुक्त करेंगे निरीक्षण
25 अगस्त तक सभी जोन उपायुक्त निरीक्षण कर करेंगे भौतिक सत्यापन
अपने जोन में सरकारी जमीनों का निरीक्षण कर करेंगे सत्यापन
जमीन पर स्थायी व अस्थायी अतिक्रमणों को करेंगे चिन्हित
फिर निर्धारित प्रारूप में इसकी रिपोर्ट मुख्य नियंत्रक प्रवर्तन को भेजेंगे
इस प्रारूप में ग्राम,तहसील,खसरा नंबर,जमीन की किस्म और
मौके पर भूमि की अतिक्रमण की स्थिति बतानी होगी 
1 सितंबर से सरकारी जमीनों पर हटाए जाएंगे अतिक्रमण
जेडीए की प्रवर्तन शाखा की ओर से हटाए जाएंगे अतिक्रमण
जोन उपायुक्तों की रिपोर्ट के आधार पर चलेगा यह अभियान
सरकारी जमीनों की मॉनिटरिंग के लिए जोन उपायुक्त करेंगे नियुक्त
जोन के ATP,JEN,पटवारी,तहसीलदार और
गिरदावर को मॉनिटरिंग के लिए नोडल अधिकारी करेंगे नियुक्त
मॉनिटरिंग की पाक्षिक रिपोर्ट मुख्य नियंत्रक प्रवर्तन और
उपायुक्त सतर्कता को नियमित रूप से भेजी जाएगी 

जानकारों के अनुसार जोन कार्यालयों की ओर से प्रवर्तन शाखा को पहले भेजी गई रिपोर्ट में किसी जोन में शामिल सभी सरकारी जमीनों के अतिक्रमणों की जानकारी नहीं भेजी गई थी. सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जों के मामले सामने आने के बाद भी उनका हवाला इस रिपोर्ट में नहीं दिया गया था. लेकिन इसी के चलते अब जोन उपायुक्तों को खुद जमीनों के भौतिक सत्यापन की जिम्मेदारी दी गई है.