कुछ अलग होगा राजस्थान विधानसभा का भावी सत्र, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का होगा विशेष संबोधन; रचा जायेगा इतिहास

जयपुर: विधानसभा का आगामी सत्र कुछ अलग होगा. यूं कहे इतिहास रचा जायेगा. सत्र का आगाज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के सम्बोधन से होगा. ऐसा राज्य विधानसभा के इतिहास में शायद पहली बार होगा. इसके लिए विधानसभा में विशेष सत्र आयोजित होगा. देश की राष्ट्रपति पक्ष और विपक्ष को साझा तौर पर संबोधित करेगी. विधानसभा के अलावा जयपुर में एक अन्य कार्यक्रम में भी करेगी शिरकत. 14 जुलाई से विधानसभा सत्र की शुरुआत होगी.  

राजस्थान विधानसभा के मौजूदा विधायकों की विदाई ऐतिहासिक होने जा रही है. जाते जाते राज्य के विधायक विधानसभा में ऐसे सत्र में शामिल होंगे जिसे संबोधित करेगी महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू. दोनों पक्षों के विधायकों के लिए ये विशेष सत्र होगा. 14 जुलाई को राजस्थान की विधानसभा में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का विशेष सम्बोधन रखा गया है. 

डॉ सीपी जोशी ने स्पीकर बनने के बाद नवाचारों और विधायकों की सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया. जोशी ने 1952से लेकर अब तक विधानसभा की सभी  प्रोसेसिंग डिजिटल की है. विधायकों के लिए कांस्टीट्यूशन क्लब और आवास की दिशा में अहम काम हुआ. हाउसिंग बोर्ड द्वारा निर्मित नए बहुमंजिला आवास का भी जुलाई में शुभारंभ होगा.

---वो प्रयोग जो राजस्थान विधानसभा में पहली बार हुए---
- देश के प्रबुद्धजनों की कार्यशाला आयोजित की गई
- डिजिटल वर्चुअल म्यूजियम स्थापित किया 
- यहां दिखाया जाता राजस्थान विधानसभा का इतिहास
- बाल संसद का आयोजन किया गया
- उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़,लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला,असम के राज्यपाल और पूर्व नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया का सम्मान रखा गया
- पेपरलेस और ग्रीन असेंबली की दिशा में कदम बढ़ाया गया
- कार्यवाहियों को ऑनलाइन किया गया 
- सदन की कार्यवाही के सीधे प्रसारण की व्यवस्था यू ट्यूब के जरिए की गई 
- प्रश्न काल को पूरा चलाने की प्रतिबद्धता प्रदर्शित की गई
- जब कभी सदन में व्यवधान आया , विपक्षी सदस्यों के सवाल स्पीकर डॉ सीपी जोशी ने खुद पूछे, इनके उत्तर मंत्रियों ने दिए
- इंदिरा गांधी नहर विभाग के वार्षिक प्रतिवेदन पर विचार हुआ ये भी पहली बार था जब सदन में विभागीय प्रतिवेदन पर चर्चा हुई 
- बिजली बचत की दिशा में सोलर प्रोजेक्ट स्थापित किया गया 

राजस्थान विधानसभा का अब आखिरी सत्र है. इसके बाद कांग्रेस, बीजेपी और सभी दलों को चुनावी संग्राम में उतरना है. नेता प्रतिपक्ष की भूमिका में राजेंद्र सिंह राठौड़ नजर आयेंगे. लेकिन देश की पहली महिला आदिवासी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का का राज्य की विधानसभा में आगमन और संबोधन सबसे अहम रहने वाला है.