जयपुर: राजस्थान की विधानसभा का भावी सत्र उन नए मंत्रियों के लिए लिटमस टेस्ट की तरह होगा. जिन्हे पहली बार अपने सियासी जीवन में मंत्री बनने का सौभाग्य मिला. इन नए मंत्रियों को पहली बार विधानसभा के फ्लोर पर विपक्ष से सामना होगा.
भजनलाल सरकार के आधे से अधिक मंत्री नए है. मंत्रिपरिषद में 19 नए चेहरों को मौका दिया है. इन सभी के लिए विधानसभा सत्र चुनौती पूर्ण है..पहली बार मुकाबला होगा मजबूत विपक्ष से नए मंत्री पहली बार देंगे विपक्ष के सवालों का जवाब.
इनमें बाबूलाल खराड़ी, जोगाराम पटेल, सुरेश सिंह रावत, अविनाश गहलोत, जोराराम कुमावत, हेमंत मीणा, कन्हैयालाल चौधरी, सुमित गोदारा, संजय शर्मा, गौतम कुमार दक, झाबर सिंह खर्रा, हीरालाल नागर, मंजू बाघमार, विजय सिंह चौधरी, के के विश्नोई और जवाहर सिंह बेडम है. खुद भजन लाल शर्मा पहली बार विधायक और सीएम बने है ,दोनो उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी और प्रेम चंद बैरवा भी पहली बार मंत्री बने है.
पुराने मंत्रियों में डॉ किरोड़ी लाल मीणा गजेंद्र सिंह खींवसर,मदन दिलावर, ओटा राम देवासी है. पुराने मंत्रियों में सुरेंद्र पाल सिंह टीटी भी थे लेकिन चुनाव हारने से उनको मंत्री गंवाना पड़ा. कांग्रेस मजबूत विपक्ष के तौर है उनके तरकश में गोविंद सिंह डोटासरा,हरिमोहन शर्मा,मुरारी लाल मीणा,रोहित बोहरा,मुकेश भाकर, गणेश घोघरा सरीखे ऐसे अनुभवी तीर है जिन्हे सत्ता पक्ष को घेरने का कौशल हासिल है.