भीलवाड़ा: भीलवाड़ा कृषि उपज मंडी समिति में इन दिनों सब गोलमाल चल रहा है. पहले तो 4 मार्च को मंडी सचिव को हटा दिया गया. इसके बाद 12 दिन तक मंडी सचिव ने हटाए जाने के बावजूद पद नहीं छोड़ा. विभाग ने जब सचिव द्वारा शहर की मंडियों में किए जा रहे भूखंड आवंटन से जुड़ी जांच कराई तो और भी गड़बड़झाले सामने आए हैं. अब भी विभाग इस घोटाले की प्रक्रिया को निरस्त करने के बजाय दबाने में जुटा हुआ है.
भीलवाड़ा कृषि उपज मंडी समिति के अधीन मंडियों में भूखंड आवंटन में जोरदार खेल चल रहा है. पूर्व सचिव रजनीश सिंह को हटाए जाने के बाद जांच में यहां आवंटन प्रक्रिया में भारी खामियां सामने आई हैं. एक तरफ भीलवाड़ा शहर की मुख्य मंडी में चहेतों को लाभान्वित करने के लिए 5 माह बाद भूखंड आवंटन के आवेदन लिए जाने के आरोप लग रहे हैं. वहीं कपास मंडी में मात्र 1 दिन में आवेदन लिए जाने जैसी गड़बड़ियां भी सामने आई हैं. इसके अलावा भीलवाड़ा की ही पालड़ी मंडी में आवंटन प्रक्रिया के दौरान आवेदन लिए जाने के बाद आपत्ति आमंत्रण की सूचना सार्वजनिक नहीं करने और अन्य गड़बड़ियों के आरोप लग रहे हैं. इस बारे में जब खाद्यान्न व्यापार संघ भीलवाड़ा ने शिकायत की तो मंडी सचिव रजनीश सिंह को 4 मार्च को हटा दिया गया था. दरअसल रजनीश सिंह इन गड़बड़ियों के बीच ही आवंटन प्रक्रिया पूरी करना चाह रहे थे.
भीलवाड़ा मंडी में किस तरह की गड़बड़ियों के आरोप ?
- कृषि उपज मंडी समिति भीलवाड़ा में 17 फरवरी 2022 से आवेदन लिए गए
- आवेदन प्रक्रिया पूरी होने के 5 महीने बाद फिर आवेदन मांग लिए
- 11 जुलाई 2022 को नोटिस जारी कर 30 जुलाई तक आवेदन मांगे गए
- आरोप यह कि चहेतों को शामिल करने के लिए 5 माह बाद आवेदन लिए गए
- पालड़ी नवीन मंडी यार्ड में 414 भूखंडों के लिए 9 सितंबर 2022 को आवेदन लिए गए
- सरकार के नियमों में गौड़ मंडी बनी नहीं, इससे पहले ही आवंटन के फार्म लिए
- 9 नवंबर 2022 को कपास मंडी में 4 बड़े भूखंड आवंटन के लिए नोटिस जारी किया
- पहले केवल 21 नवंबर 2022 को आवेदन शुरू कर उसी दिन बंद कर दिए
- विरोध हुआ तो फिर नए सिरे से 21 दिसंबर 2022 तक आवेदन लिए गए
- आरोप यह कि 25 दिन आवेदन लिंक नहीं खुला, बहुत कम संख्या में आवेदन आए
तीनों मंडियों में जब भूखंड आवंटन के लिए आवेदन लिए गए हैं तब मंडी सचिव के पद पर रजनीश सिंह लगे हुए थे. भीलवाड़ा खाद्यान्न व्यापार संघ की शिकायतों के आधार पर रजनीश सिंह का 4 मार्च को भीलवाड़ा मंडी सचिव के पद से हटाया गया था. हालांकि इसके बाद भी रजनीश सिंह 11 दिन तक पद से रिलीव नहीं हुए, जिसका खुलासा फर्स्ट इंडिया न्यूज ने किया था. खबर के बाद उच्चाधिकारियों के दखल पर नए सचिव बालकिशन शर्मा पहुंचे और उन्हें रिलीव किया गया. शिकायतों के बाद कृषि विपणन विभाग ने जांच कमेटी बनाई, जिसकी रिपोर्ट में भी तत्कालीन सचिव की कार्यशैली को गलत पाया गया है.
जांच रिपोर्ट पर कार्रवाई क्या ?
- 29 मार्च को कृषि विपणन विभाग के निदेशक सीताराम जाट ने निकाला आदेश
- लिखा, रिक्त भूखंडों के आवंटन में अपनाई जा रही प्रक्रिया की करवाई गई जांच
- अजमेर के क्षेत्रीय उप निदेशक करण सिंह की जांच में सामने आई गड़बड़ियां
- जांच में सामने आया कि आवंटन से जुड़ी पत्रावलियां कार्यालय में उपलब्ध नहीं
- आवेदन पत्रों की जांच के बाद आपत्ति आमंत्रण सूचना ही नहीं दी गई
- आपत्ति आमंत्रण की सूचना न मंडी कार्यालय, न व्यापार संघ कार्यालय में दी गई
- आवंटन समिति सदस्यों के नोटिस बोर्ड या अजमेर कार्यालय में भी सूचना नहीं दी
- आवेदकों से आपत्तियां मांगे बगैर ही भूखंड आवंटन करने की थी तैयारी
आवंटन में गड़बड़ियों से जुड़ी और तत्कालीन मंडी सचिव रजनीश सिंह की गड़बड़ियों से जुड़ी जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद भी कृषि विपणन विभाग इस पर सख्त कार्यवाही नहीं कर रहा है. दरअसल विभाग जब यह मान रहा है कि पात्र-अपात्र व्यक्तियों की सूची प्रकाशित नहीं की गई और न ही सम्बंधित लोगों से आपत्तियां ली गई तो फिर इस पूरी आवंटन प्रक्रिया को ही रद्द किया जाना चाहिए. इन मंडियों में भूखंड आवंटन में पारदर्शिता दर्शाते हुए नए सिरे से आवेदन लिए जाने चाहिए.
कृषि विपणन विभाग में गोलमाल !
- इस मामले में कृषि विपणन विभाग की कार्यशैली को लेकर भी उठ रहे सवाल
- कृषि विपणन निदेशक ने 29 मार्च का जो आदेश जारी किया
- उसमें भीलवाड़ा की गौण मंडी यार्ड कोटड़ी व आसींद में गड़बड़ियों का है जिक्र
- जबकि व्यापार संघ के आरोप भीलवाड़ा मंडी और पालड़ी मंडी को लेकर थे
- क्षेत्रीय उप निदेशक अजमेर की जिस जांच रिपोर्ट का है आदेश में जिक्र
- वो जांच भी भीलवाड़ा मुख्य मंडी, कपास मंडी व पालड़ी मंडी के संदर्भ में की गई
- आदेश में कपास मंडी व पालड़ी मंडी की गड़बड़ियों का नहीं है कोई जिक्र