गांधी वाटिका ट्रस्ट विधेयक को वापस लेगी सरकार, विधानसभा के आगामी बजट सत्र में लाया जा सकता है विधेयक

जयपुरः राजधानी में सेंट्रल पार्क के नजदीक स्थित गांधी वाटिका के संचालन और रखरखाव के लिए कांग्रेस सरकार में पारित कराए विधेयक को मौजूदा सरकार वापस लेगी. इसके लिए विधानसभा के आगामी बजट सत्र में विधेयक लाया जा सकता है. क्या है पूरा मामला जानने के लिए देखें ये खबर.

कांग्रेस सरकार के समय करीब 85 करोड़ रुपए की लागत से जयपुर विकास प्राधिकरण ने सेंट्रल पार्क के नजदीक गांधी वाटिका का निर्माण किया था. गांधी वाटिका के निर्माण का उद्देश्य राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन दर्शन और उनके सिद्धांतों के बारे में आमजन को जानकारी देना है. आपको सबसे पहले गांधी वाटिका के बारे में देते हैं विस्तृत जानकारी 

-इस वाटिका का कुल क्षेत्रफल 14500 वर्ग मीटर है 
-डिजिटल एवं नवीन तकनीक पर निर्मित इस वाटिका के तीन हिस्से हैं 
-अंग्रेजों के भारत आगमन से लेकर महात्मा गांधी के दक्षिण अफ्रीका प्रवास तक को बेसमेंट में अंकित किया गया है
-इस तल को पांच खंडों में बांटा गया है
-लोअर ग्राउंड में गांधी के भारत आगमन से लेकर उनकी मृत्यु तक की घटित घटनाओं को जीवंत प्रस्तुत किया गया है
-इस मंजिल को भी अलग-अलग घटनाओं के अनुसार पांच खंडों में बांटा गया है
-तीन खंडों में विभाजित अपर ग्राउंड में विशेष पुस्तकाल,सेमीनार हॉल और कॉफ्रेंस कक्ष निर्मित किए गए हैं
-सेंट्रल पार्क के वातावरण को ध्यान में रखते हुए इस वाटिका का निर्माण किया गया है
-गांधी दर्शन और गांधी के जीवन से जुड़ी घटनाओं और देश के स्वतंत्रता आंदोलन से आगंतुक रूबरू हो सकेंगे
-इसके लिए विभिन्न नवीनतम तकनीक का इस्तेमाल इस प्रकार किया गया है
-ताकि यहां आने वाला व्यक्ति खुद को इन सबसे जोड़ सके
वाटिका में हरियाली को बढ़ावा देने के लिए लगभग 14 हजार पेड़ पौधे लगाए गए
-पूरी बिल्डिंग को वाई-फाई इनेबल्ड बनाया गया
-भवन में 100 किलोवाट का सोलर सिस्टम लगाया गया है

गांधी वाटिका के संचालन और रखरखाव के लिए पिछली कांग्रेस सरकार में विधानसभा में गांधी वाटिका न्यास विधेयक पारित किया गया था. अब इसी विधेयक को वापस लेने की तैयारी की जा रही है. आपको बताते हैं कि इस विधेयक को वापस लेने की क्यों है तैयारी और गांधी वाटिका का कैसे होगा संचालन और रखरखाव 

-गांधी वाटिका न्यास विधेयक के तहत गांधी वाटिका ट्रस्ट प्रस्तावित किया गया है
-मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में गठित इस ट्रस्ट को वाटिका के संचालन और रखरखाव की जिम्मेदारी दी गई है
-मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में गठित इस ट्रस्ट के उपाध्यक्ष को कई अधिकार दिए गए हैं
-कानून के जानकारों के अनुसार अध्यक्ष से ज्यादा उपाध्यक्ष को इस कानून में अधिकार दिए गए हैं
-इसी के चलते इस विधेयक को वापस लेने की तैयारी की जा रही है
-इसके लिए विधानसभा के आगामी बजट सत्र में इसके लिए विधेयक लाया जा सकता है
-विधेयक वापस लेने के बाद गांधी वाटिका के संचालन और रखरखाव को लेकर राज्य सरकार फैसला करेगी
-जानकार सूत्रों के अनुसार पुरातत्व व संग्रहालय विभाग,पर्यटन विभाग या आमेर विकास प्राधिकरण को जिम्मेदारी दी जा सकती है
-गांधी वाटिका के संचालन और रखरखाव की जिम्मेदारी दी जा सकती है