राज्यपाल कलराज मिश्र बोले, मिर्गी रोग से जुड़ी भ्रांतियों और अंधविश्वास को दूर करने में सहयोग करें चिकित्सक

जयपुर: देश और दुनिया के न्यूरोलॉजिस्ट का आज से राजधानी जयपुर में महाकुंभ शुरू हुआ. मौका था एपिलेप्सी रोग पर आयोजित इकोन-2023 सम्मेलन का, जिसका शुभारंभ राज्यपाल कलराज मिश्र ने किया.इस दौरान मिश्र ने मिर्गी रोग को लेकर समाज में, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्र में, व्याप्त भ्रांतियों और अंधविश्वास को दूर करने पर बल दिया है.साथ ही चिकित्सकों से मिर्गी रोग के उपचार के साथ-साथ इसके प्रति जागरूकता लाने का भी आह्वान किया है. राज्यपाल मिश्र इण्डियन एपिलेप्सी एसोसिएशन और इण्डियन एपिलेप्सी सोसायटी द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित इकोन-2023 सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में कहा कि इस वैज्ञानिक युग में भी बीमारी के लक्षणों से घबरा कर लोग रोगी को अंधविश्वास के चलते झाड़ा दिलाने, ओझाओं के पास जाने आदि के चक्कर में पड़ जाते हैं, ये दुखद है.

उन्होंने कहा कि जागरूकता के अभाव में लोग महत्वपूर्ण समय व्यर्थ गंवा देते हैं और समय पर चिकित्सा नहीं मिलने से कई बार स्थितियां नियंत्रण से बाहर हो जाती है. राज्यपाल ने कहा कि मिर्गी कोई लाइलाज रोग नहीं रह गया है. इसका यदि समयबद्ध उपचार होता है तो 80 प्रतिशत मामलों में रोगियों के दौरे बंद हो जाते है और वह सामान्य जीवन यापन कर सकते हैं. उन्होंने मिर्गी के उपचार के साथ इसके संबंध में  जागरूकता के अधिकाधिक प्रसार का आह्वान किया. 

RUHS के कुलपति डॉ. सुधीर भण्डारी ने कहा कि नए चिकित्सकीय शोधों के आधार पर हुई प्रगति से रोगी पर मिर्गी रोगियों के जीवन को आसान बनाने में मदद मिली है. उन्होंने कहा कि इस बीमारी की दवाइयों और इलाज की लागत कम करने के लिए विभिन्न स्तरों पर प्रयास किए जाने चाहिए. इकोन 2023 के मुख्य आयोजक डॉ. आर.के सुरेका, साइंटिफिक चेयरमैन डॉ भावना शर्मा ने तीन दिवसीय इस कार्यक्रम आयोजन के उद्देश्यों के बारे में जानकारी दी. कार्यक्रम में राज्यपाल मिश्र ने इण्डियन एपिलेप्सी एसोसिएशन के पचास वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर तैयार कॉफी टेबल बुक का लोकार्पण भी किया. कार्यक्रम में आईईए अध्यक्ष प्रो.बी. वेंगम्मा, आईईएस अध्यक्ष डॉ. मनमोहन मेंदीरत्ता, डॉ अंजनी कुमार शर्मा समेत मिर्गी रोग के उपचार से जुड़े देशभर के विशेषज्ञ चिकित्सकगण उपस्थित रहे.