VIDEO: ग्रीन राजस्थान पेश करेगा नजीर, पौध वितरण में सीकर संभाग रहा अव्वल, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: राजस्थान कोरोना मैनेजमेंट में देश दुनिया में मिसाल बना तो अब ग्रीन राजस्थान बनाने में भी राजस्थान नजीर पेश करने जा रहा है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पहल पर केंद्र की तर्ज पर राज्य में भी शुरू की गई ट्री आउट साइड फॉरेस्ट योजना के पहले 9 दिन में ही प्रदेश में 30 लाख से ज्यादा पौधों के वितरण ने नया रिकॉर्ड बना दिया है. पहली बार लोगों को पौधे लेने के लिए दौड़ते देखना सुकून भरा रहा. 

कोरोना मानव जाति के लिए अभिशाप जरूर था लेकिन प्रकृति से विमुख हुए इंसान को काफी कुछ सिखा भी गया. कोरोना से ही इंसान ने एक एक सांस की कीमत समझी और कुदरत के आंचल की छांव में वापस लौटता दिखाई दिया. यही कारण है कि आम इंसान भी अब अपने आंगन को ग्रीन कॉरिडोर में बदलना चाहता है. यही कारण है कि प्रदेश में 1 जुलाई से शुरू की गई ट्री आउट साइड फॉरेस्ट योजना के पहले 9  दिन में ही वन विभाग की पौधशालाओं से रोजाना औसतन 3 लाख 33 हजार से ज्यादा पौधों का वितरण हो रहा है. पहले 9 दिन में ही 30 लाख से अधिक पौधे वितरित किए गए. पौध वितरण में वन विभाग का सीकर डिवीजन अव्वल रहा है. यहां पहले 9 दिन में प्रदेश में सर्वाधिक 6 लाख 99 हजार पौधों का वितरण किया गया. वहीं अलवर डिवीजन में भी 6 लाख 36 हजार से अधिक पौधे वितरित किए गए. योजना के शुरुआती दिन से ही लोगों को वन विभाग की पौधशालाओं से फल, फूल और छायादार पौधे लेने के लिए दौड़ लगाते देखना काफी सुखद अनुभूति रही. 

जिस संख्या में प्रदेश में मानसून के इस दौर में पौधारोपण किया जा रहा है उसके तत्काल फायदे भले ही उतने ज्यादा नहीं मिलें लेकिन दीर्घकालिक फायदे मानव जाति के लिए लाभदायक रहना तय है. इस अहम योजना के तहत चालू वित्त वर्ष में प्रदेश में विभिन्न सरकारी विभाग, संस्था व आमजन के सहयोग से योजना 5 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है. इनमें से 1 करोड़ पौधे गोचर, ओरण व चरागाह भूमि पर लगाए जाएंगे जबकि 1 करोड़ पौधे विभिन्न शहरी क्षेत्रों में लगाने का लक्ष्य रखा गया है. शेष 3 करोड़ पौधे आमजन को अपने घरों व खेतों में लगाने को उपलब्ध रहेंगे. एसीएस शिखर अग्रवाल की देखरेख में पीसीसीएफ हॉफ मुनीष गर्ग, पीसीसीएफ प्रशासन अरिजीत बनर्जी और पीसीसीएफ विकास पवन उपाध्याय योजना को लेकर अहम योगदान कर रहे हैं. कोरोना काल में आमजन के बेहतर स्वास्थ्य के लिए घर घर औषधि योजना शुरू कर निशुल्क पौधे वितरित किए गए थे लेकिन इस योजना में ऐसा नहीं हैं. 
वन विभाग पौधों के बदले सरकारी विभाग और आमजन से एक निश्चित राशि ले रहा है. प्रति वर्ष एक करोड़ पौधे ओरण, चरागाह और गोचर भूमि पर लगाने के लिए ग्राम पंचायतों को दिए जाने का लक्ष्य है. इसी तरह शहरी निकायों को  भी एक करोड़ पौधे दिए जाने का लक्ष्य है. छह महीने के पौधे प्रति पौधा 9 रुपए तो एक वर्ष के पौधे प्रति पौधा 15 रुपए की दर से राशि ली जा रही है. इसी तरह आमजन को एक से 10 पौधे तक प्रति पौधा 2 रुपए इसके बाद 11 से 50 पौधे तक प्रति पौधा 5 रुपए और 51 से 200 पौधे तक प्रति पौधा 10 रुपए में लिए जा रहे हैं. पीसीसीएफ पवन उपाध्याय का कहना है कि पौधों की मांग ऑनलाइन भी मिल रही हैं. 

राजस्थान में वन विभाग ने यह सुविधा पहली बार शुरू की है. शहरी क्षेत्रों के लिए 51 प्रजातियां तो ओरण, चरागाह व गोचर भूमि के लिए करीब 5 दर्जन किस्म के पौधे तैयार किए गए हैं. योजना से न केवल जलवायु परिवर्तन के विपरीत प्रभावों से बचा जा सकेगा वरन पर्यावरण में महत्वपूर्ण सुधार होगा. बाकायदा योजना को लेकर वन विभाग ने एक बुकलेट भी तैयार की है जो योजना के लाभ और पौधों को लगाने से लेकर उनको सींचने तक की प्रक्रिया को समझाने में लाभदायक सिद्ध होगी.