I.N.D.I.A का असर राजस्थान पर, क्या कांग्रेस छोड़ सकती है सहयोगी दलों के लिए सीट? देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: देश की राजनीति में विरोधी दलों ने मिलकर UPA की जगह I.N.D.I.A की रचना कर दी. देश की राजधानी में विपक्षी एकता की तस्वीरें नजर आई अब इसका असर राजस्थान पर भी पड़ रहा है. राजस्थान में भी I.N.D.I.A में शुमार दलों की सोच हैं. सत्ताधारी दल कांग्रेस से कुछ सीटों पर गठ बंधन करना. उधर NDA में सहयोगी दल शिवसेना शिंदे खेमे ने राजस्थान में बीजेपी से सीटें मांगी है. 

विपक्ष दल की एकता का असर राजस्थान की चुनावी राजनीति पर दिखने लगा है. 31अगस्त को आम आदमी पार्टी के प्रमुख और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल जयपुर आ रहे हैं. और साथ पंजाब के सीएम भगवंत मान भी. कार्यकर्ता सम्मेलन के साथ ही लगता है गठबंधन राजनीति पर केजरीवाल अपनी बात रखेंगे. राजस्थान में आम आदमी पार्टी दम खम के साथ मैदान में उतर रही हैं. NCP के साथ पिछली बार कांग्रेस का बाली सीट पर समझौता हुआ था इसके तहत बाली सीट कांग्रेस ने छोड़ी थी. भादरा सीट पर सीपीएम का कांग्रेस से समझौता हो सकता हैं इसकी भी चर्चाएं. नीतीश कुमार का दल जनता दल यू दक्षिणी राजस्थान में सीट चाह सकता हैं, हालांकि जेडीयू का पहले जैसा वजूद रहा नहीं.

विपक्षी गठबंधन INDIA में शुमार प्रमुख दल

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस

अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी)

द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक)

आम आदमी पार्टी (AAP)

जनता दल (यूनाइटेड)

राष्ट्रीय जनता दल (राजद)

झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो)

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा)

शिवसेना (यूबीटी)

समाजवादी पार्टी (सपा)

राष्ट्रीय लोक दल (रालोद)

अपना दल (कमेरावादी)

जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां)

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी)

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी)

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा)

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन

रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी)

ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक

मरुमलार्ची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एमडीएमके)

विदुथलाई चिरुथैगल काची (वीसीके)

कोंगुनाडु मक्कल देसिया काची (केएमडीके)

मणिथनेय मक्कल काची (एमएमके)

इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल)

केरल कांग्रेस (एम) 

केरल कांग्रेस (जोसेफ) 

हालांकि कांग्रेस को लगता नहीं हैं राजस्थान में आम आदमी पार्टी के लिए कोई सीट छोड़े. सीएम अशोक गहलोत,प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने जिस तरह की 200 सीटों पर तैयारी की हैं. उससे लगता हैं कि कांग्रेस शायद ही कोई सीट छोड़े लेकिन सीपीएम और आरएलडी के लिए सीट कांग्रेस छोड़ सकती हैं. आम आदमी पार्टी से अभी तक कांग्रेस के रिश्ते सुधरे नहीं हैं.