लोकसभा चुनाव में दूसरे राज्यों के नेताओं को आई राजस्थान की सियासत रास, बाहर से आकर लड़ रहे चुनाव

जयपुरः राजस्थान की सियासत बाहरी नेताओं को भी खूब रास आई है. दूसरे प्रदेशों के नेताओं ने यहां आकर लोकसभा चुनाव लड़े और अहम पदों पर पहुंचे. राजस्थान से बलराम जाखड़, चौधरी देवीलाल,बूंटा सिंह और राजेश पायलट जैसे कई दिग्गज नेता यहां से सांसद रहे हैं. मौजूदा दौर में हरियाणा निवासी सुखवीर जौनापुरिया टोंक-सवाईमाधोपुर से सांसद है. देखिए यह हमारी खास रिपोर्ट. 

लोकसभा चुनाव हो या फिर विधानसभा सभा चुनाव. राजस्थान से बाहर के अन्य राज्यों के नेताओं ने यहां अपनी किस्मत आजमाई. चुनाव लडे औऱ जीते भी. 1962 के लोकसभा चुनाव में सबसे पहले बाहरी नेता एसके डे ने नागौर से चुनाव लड़ा औऱ जीता. उसके बाद 1980 से दिग्गज नेता राजेश पायलट से बाहरी नेताओं के राजस्थान में आकर लोकसभा चुनाव लड़ने का सिलसिला औऱ तेज हो गया. आईए ग्राफिक्स के जरिए बताते है कि राजस्थान से किन-किन बाहरी नेताओं ने लोकसभा चुनाव की जंग लड़ी. 

एसके डे-
एसके डे ने 1962 में नागौर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा औऱ जीता. एसके डे बंगाल के निवासी थे और उन्होंने कांग्रेस पार्टी से चुनाव लड़ा था. 

राजेश पायलट-

राजेश पायलट ने 1980 से भरतपुर से चुनाव लड़ा औऱ जीते. उसके बाद राजेश पायलट ने दौसा सीट पर चुनाव लड़ा औऱ पायलट दौसा से कईं बार सांसद निर्वाचित हुए. राजेश पायलट के निधन के बाद उनके बेटे सचिन पायलट भी दौसा से सांसद चुने गए. 

बूंटा सिंह-
बूंटा सिंह ने पंजाब से आकर जालोर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था. बूंटा सिंह जालौर से कईं दफा सांसद चुने गए. वो तीन बार यहां से कांग्रेस से सांसद चुने गए औऱ एक बार तो निर्दलीय भी चुनाव जीत गए थे. यहीं से सांसद रहने के दौरान बूंटा सिंह गृह मंत्री भी रहे थे. 

बंगारु लक्ष्मण औऱ सुशीला बंगारु-

बूंटा सिंह के अलावा बीजेपी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष बंगारु लक्ष्मण ने भी  जालौर सीट से चुनाव लड़ा था पर वो चुनाव हार गए थे. उसके बाद उनकी पत्नी सुशीला बंगारु ने यहां बीजेपी से चुनाव लड़ा औऱ जीत दर्ज की. दोनों हैदराबाद के निवासी थे. 

बलराम जाखड़-

बलराम जाखड़ ने भी पंजाब से आकर राजस्थान में लोकसभा चुनाव लड़ा औऱ जीत दर्ज की. जाखड़ ने कांग्रेस से बीकानेर और सीकर से चुनाव लड़ा औऱ सांसद निर्वाचित हुए. जाखड़ ने चूरु लोकसभा सीट से भी किस्मत आजमाई थी पर वो चुनाव हार गए थे. 

चौधरी देवीलाल-

हरियाणा निवासी और पूर्व डिप्टी पीएम चौधरी देवीलाल भी राजस्थान से सांसद रह चुके है. देवीलाल ने 1989 में सीकर से चुनाव लड़ा था औऱ कांग्रेस के दिग्गज बलारम जाखड़ को मात दी. 

धर्मेन्द्र-

पंजाब निवासी औऱ फिल्म स्टार धर्मेन्द्र भी बीकानेर से भाजपा से सांसद रह चुके हैं. 2004 में जब बीकानेर सीट सामान्य थी तब धर्मेन्द्र ने बीकानेर से चुनाव लड़ा था. उसके बाद यह सीट आऱक्षित होग गई थी. 

मोहम्मद अजहरुद्दीन-
कांग्रेस ने फेमस क्रिकेटर मोहम्मद अजहरुद्दीन को भी टोंक-सवाईमाधोपुर से चुनाव लड़ाया था. लेकिन बीजेपी के सुखवीर जौनापुरिया से अजहरुद्दीन चुनाव हार गए. 

सुखवीर जौनापुरिया-
बीजेपी के मौजूदा सांसद जौनापुरिया भी मूल रुप से हरियाणा निवासी है. जौनापुरिया पीछले दो बार से लगातार टोंक से सांसद है. बीजेपी ने तीसरी बार भी जौनापुरिया को टिकट दिया है.

महंत चांदनाथ-

अलवर से सांसद रहे महंत चांदनाथ भी मूलरुप से हरियाणा के रहने वाले थे. महंत चांदनाथ 2014 में बीजेपी से सांसद रहे थे. बाद में चांदनाथ का सांसद रहते हुए निधन हो गया था.

राजस्थान से लोकसभा चुनाव लड़ने वाले अधिकतर दिग्गज नेता अहम पदों पर रहे थे. ऐसे में ऊनका कद औऱ व्यक्तित्व इतना बड़ा था कि राजस्थान की जनता ने उन्हें भरपूर प्यार दिया औऱ चुनाव जीताकर भेजा. जाखड़ लोकसभा की स्पीकर रहे औऱ चौधरी देवीलाल उप प्रधानमंत्री तक पहुंचे.

अधिकतर बाहरी नेता पड़ौसी राज्यों के रहने वाले थे. पंजाब,हरियाणा और यूपी जैसे राज्यों के नेताओं ने ही ज्यादा राजस्थान का रुख किया. इसमें भी जाट,दलित और गुर्जर नेताओं की तादाद ज्यादा थी. लेकिन परिसीमन होने और मतदाताओं के जागरुक होने के बाद अब बाहरी नेताओं के चुनाव लड़ने की बातें इतहिास बन चुकी है.