भारत पूरी दुनिया को पर्यावरण संरक्षण की नई राह दिखाने का कार्य कर रहा- CM योगी

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत पूरी दुनिया को पर्यावरण संरक्षण की नई राह दिखाने का कार्य कर रहा है. सोमवार को मुख्यमंत्री ने यहां इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित दो दिवसीय 'नेशनल क्लाइमेट कॉन्क्लेव-2023' का उद्घाटन करने के बाद समारोह को संबोधित करते हुए कहा, 'एक तरफ विकास आज की आवश्यकता है, तो पर्यावरण और प्रकृति के प्रति दायित्वों से भी हम मुक्त नहीं हो सकते.'

लोगों को सावधान करते हुए मुख्‍यमंत्री ने कहा, 'मनुष्य ने अपने स्वार्थों की पूर्ति के लिए प्रकृति का अति दोहन करके जिन दुष्परिणामों को आमंत्रित किया है, आज हम सब उसके भुक्तभोगी बन रहे हैं.' उन्‍होंने कहा कि क्लाइमेट चेंज (जलवायु परिवर्तन) आज दुनिया के सामने एक बड़ी चुनौती है. विगत सालों में असमय अतिवृष्टि के रूप में हम सबने इसके दुष्परिणामों को देखा है. उन्‍होंने कहा कि भारत की परंपरा सदैव से पर्यावरण हितैषी रही है और उत्तर प्रदेश में लगातार इस दिशा में कार्य हो रहे हैं. आगामी जुलाई माह में प्रदेशभर में 35 करोड़ पौधा रोपण किया जाएगा. मुख्‍यमंत्री ने कहा कि 2017 के बाद से अब तक प्रदेश में 133 करोड़ पौधारोपण का कार्य हुआ है. यही कारण है कि आज प्रदेश की जनता में भी पर्यावरण संरक्षण को लेकर सकारात्मक भाव पैदा हुआ है. आदित्यनाथ ने दो दिवसीय नेशनल क्लाइमेट कॉन्क्लेव में देशभर से आए प्रतिनिधियों का स्वागत एवं अभिनंदन करते हुए कहा कि दुनिया के सबसे प्राचीन ग्रंथ में वेदों में अथर्ववेद का एक सूक्त हमें धरती के प्रति अगाध निष्ठा के साथ जोड़ने का प्रयास करता है.

मुख्‍यमंत्री ने कहा कि उप्र में आम नागरिकों में पर्यावरण संरक्षण का भाव पैदा हुआ है. आज हम 100 साल से पुराने वृक्षों को विरासत वृक्ष के रूप में मान्यता देकर उनका संरक्षण कर रहे हैं. उन्‍होंने कहा कि प्रदेश में ऐसे कई वृक्ष हैं, जिनके नीचे बैठकर क्रांतिकारियों ने देश की आजादी की रणनीति तय की. इस अवसर पर केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन तथा श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेन्द्र यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संकल्पों को पूरा करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश भारत का ‘ग्रोथ इंजन’ बन रहा है. यादव ने कहा कि यहां आयोजित क्लाइमेट कॉन्क्लेव 2023 का दो दिवसीय आयोजन पर्यावरण के क्षेत्र में मील का पत्थर बनेगा. सोर्स- भाषा