क्या फिर से कोविड का बदल रहा स्वरूप ? राजस्थान समेत देशभर में बढ़ते कोरोना केस ने बढ़ाई चिंता; लॉन्ग कोविड के सामने आ रहे साइड इफेक्ट

जयपुर: राजस्थान समेत देशभर में एकबार फिर कोरोना संक्रमण ने आमजन से लेकर सरकारी सिस्टम की नींद उड़ा दी है. पिछले सवा महीने की बात की जाए तो कोविड फ्री होने की राह पर आए राजस्थान में अब न सिर्फ संक्रमण तेजी से बढ़ा है, बल्कि मौतें भी होने लगी है. ऐसे में चिकित्सक भी चिंतित है, क्योंकि कोविड के केस बढ़ने के साथ ही फिर से संक्रमण का बहरूपिया पैटर्न देखा जा रहा है. हालांकि, फिर से कोविड के एक्टिव होने के चलते चिकित्सा विभाग भी अलर्ट मोड पर है. प्रदेशभर में सैम्पलिंग बढाने और उनकी जीनोम सिक्वेंसिंग पर फोकस शुरू हो गया है. 

कोरोना संक्रमण के बाद लॉन्ग कोविड साइड इफेक्ट झेल रहे लोगों की फिर चिंता बढ़ने लगी है. इसके पीछे की वजह है प्रदेश में एकाएक कोरोना केसेज में तेजी से बढोतरी. जी हां, फरवरी अंत में राजस्थान में कोविड के एक्टिव केस जहां दस से भी कम हो गए थे, वो अचानक बढ़कर आठ सौ के पार पहुंच गए है. पिछले चार दिनों से तो रोजाना करीब 100 से 200 केस रिपोर्ट किए जा रहे हैं. इतना ही नहीं, मौतों का ग्राफ भी लगातार बढ़ने लगा है. हालांकि, चिकित्सकों की माने तो इस बार कोविड के केस ज्यादा सीवियरटी जैसे नहीं है, लेकिन नेगेटिव होने के बाद भी लम्बे समय तक मरीजों को दिक्कतें जरूर झेलनी पड़ रही है. आइए आपको बताते है कि अप्रेल माह में कैसे तेजी से बढ़ रहे केस....

तारीख          केस               मौत
1 अप्रैल      21 केस            1 मौत
2 अप्रैल      42 केस            1 मौत
3 अप्रैल      17 केस             मौत नहीं
4 अप्रैल       29 केस            1 मौत
5 अप्रैल          61 केस         मौत नहीं  
6 अप्रैल       100 केस           2 मौत
7 अप्रैल      122 केस            मौत नहीं
8 अप्रैल         137 केस         मौत नहीं
9 अप्रैल           165 केस        1 मौत
10 अप्रैल        197 केस        3 मौत 
-------

(लॉन्ग कोविड साइड इफेक्ट):- 
- खून के थक्के जमना
- हार्ट की वर्किंग में इफेक्ट
- निमोनिया की शिकायत बनी रहना
- आमतौर पर बुखार की शिकायत रहना
- धुंधला दिखना
- याददाश्त घटना
- डायरिया
- महिलाओं के पीरियड्स में बदलाव
- हार्ट पेल्पिटेशन
- यूरिन स्टोर करने वाले ब्लैडर को कंट्रोल न कर पाना

प्रदेश में कोरोना के साथ-साथ सर्दी-जुखाम, बुखार, खांसी के मरीज भी सामने आ रहे है. इन सभी बीमारियों के लक्षण एकसमान होने के चलते लोग कोरोना की जांच नहीं करा रहे हैं. चिकित्सकों ने बताया कि कोरोना केसज तो बढ़ रहे हैं. लेकिन लक्षणों के बावजूद उनकी कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आ रही है. ऐसे में मामलों में एक्सरे और सिटी स्कैन कराने पर निमोनिया की शिकायत मिल रही है.  

कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए चिकित्सा महकमा अलर्ट मोड पर:
कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए चिकित्सा महकमा अलर्ट मोड पर है. कोविड संक्रमण के नियंत्रण और प्रबंधन के लिए संभावितों की सैम्पलिंग बढ़ाने और राज्य व जिलास्तर पर नियंत्रण कक्षों को सक्रिय किया जा रहा है. हालांकि अभी कोरोना केसेज में सीवियरटी देखने को नहीं मिल रही है, लेकिन कोरोना के पुराने कटू अनुभव बताते है कि ये कभी भी खतरनाक रूप धारण कर सकता है. इसलिए अब बेहद जरूरी हो गया है कि आमजन भी समझदारी दिखाए और कोरोना प्रोटोकॉल अपनाना संक्रमण रोकने में अहम भूमिका निभाए.