जयपुर: ब्यूरोक्रेसी में अपने शानदार काम से धाक जमाने वाले IAS अधिकारी पवन अरोड़ा ने VRS ले लिया है. पवन अरोड़ा अपनी नई पारी फर्स्ट इंडिया न्यूज़ चैनल और फर्स्ट इंडिया अख़बार से शुरू करेंगे. जहां वो आज बतौर CEO और मैनेजिंग एडिटर जॉइन करेंगे.
प्रदेश के सबसे सफल IAS अधिकारियों में शामिल पवन अरोड़ा ने नौकरी से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली है. पवन अरोड़ा अपनी नई पारी आज से मीडिया में शुरू करने जा रहे हैं. अरोड़ा आज शाम 6.30 बजे फर्स्ट इंडिया न्यूज़ चैनल और अख़बार में बतौर CEO और मैनेजिंग एडिटर अपनी नई जिम्मेदारी सम्भालेंगे. इससे पहले हाउसिंग बोर्ड मुख्यालय में शाम 4 बजे अरोड़ा का विदाई समारोह आयोजित होगा. जिसमें UDH मंत्री शांति धारीवाल, प्रमुख सचिव UDH समेत सभी अधिकारी कर्मचारी शामिल होंगे. यूँ तो पवन अरोड़ा ने 35 साल की नौकरी में हर पोस्टिंग में अपनी छाप छोड़ी लेकिन बतौर हाउसिंग बोर्ड कमिश्नर उनका कार्यकाल स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हो गया है. जिस हाउसिंग बोर्ड को बंद करने की बातें चल रहीं थी उन्होंने उस हाउसिंग बोर्ड को सिर्फ़ रिवाईव किया बल्कि अपनी प्लानिंग मेहनत और ज़िद से उस मुक़ाम पर पहुँच दिया जिसकी कोई कोई कल्पना नहीं कर सकता था. हाउसिंग बोर्ड के टर्नओवर को 118 करोड़ से 10 हज़ार करोड़ के पार ले जाने वाले पवन अरोड़ा के शानदार काम ने आम से लेकर ख़ास को प्रभावित किया है.
पवन अरोड़ा और हाउसिंग बोर्ड को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के 35 पुरस्कार मिल चुके:
बीते शनिवार को ही विधायक आवास योजना के लोकार्पण समारोह में CM अशोक गहलोत ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था कि पिछली सरकार तो हाउसिंग बोर्ड को बंद करने वाली थी यह तो कमिश्नर पवन अरोड़ा की करामात है जिन्होंने 5 हज़ार करोड़ रुपये इकट्ठे कर लिये और हाउसिंग बोर्ड के टर्नओवर को 10 हज़ार करोड़ के पार पहुंचा दिया. यह अरोड़ा के कमिटमेंट को दर्शाता है. बीते 4 साल में अरोड़ा के नेतृत्व में हाउसिंग बोर्ड ने आम लोगों को अच्छी क्वालिटी के रियायती मकान देने से लेकर कई वर्ल्ड क्लास प्रोजेक्ट का काम पूरा किया है. यही कारण है कि हाउसिंग बोर्ड कमिश्नर पवन अरोड़ा और हाउसिंग बोर्ड को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के 35 पुरस्कार मिल चुके हैं.
अरोड़ा के संबंध मीडियाकर्मियों से सदैव अच्छे रहे:
नौकरी के दौरान पवन अरोड़ा की पहचान विजनरी और तुरंत निर्णय लेने वाले अधिकारी के तौर पर रही है. यह उनका विजन ही था कि RAS कैडर को अभी तक का सबसे बड़ा गिफ्ट दते हुए इतना शानदार RAS क्लब का निर्माण कराया जिसकी पहचान आज सिर्फ़ जयपुर ही नहीं देशभर के प्रमुख क्लबों में होती है. जयपुर को जिस पहली रिंग रोड की सौग़ात मिली है उसका श्रेय भी पवन अरोड़ा को जाता है. रिंग रोड के निर्माण के लिए ज़मीन का क़ब्ज़ा लेना सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती थी. लेकिन अरोड़ा ने अपने शानदार काम से महज़ एक सप्ताह में ही पूरी सहमति से ज़मीन का कब्जा पूरा किया. पवन अरोड़ा कि मीडिया में एंट्री से मीडिया जगत में भी काफ़ी उत्साह है. नौकरी में रहते हुए अरोड़ा के संबंध मीडियाकर्मियों से सदैव अच्छे रहे और उन्होंने पत्रकारों के हित में भी कई अच्छे फ़ैसले लिए हैं. मीडिया में अपनी नई पारी शुरू करने को लेकर पवन अरोड़ा का कहना है कि अभी तक एक विभाग में रहकर उस विभाग से जुड़ी समस्या का ही समाधान करा सकते थे लेकिन नई पारी में हर समस्या को मीडिया के माध्यम से उठा कर सरकार का ध्यान आकृष्ट करेंगे.