नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समाज के सभी वर्गों के विकास और समृद्धि के लिए काम कर के संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के सपने को पूरा करने के लिए प्रयासरत हैं. संविधान निर्माता को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि देने के बाद नड्डा ने कहा कि मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने अंबेडकर को उचित मान और सम्मान दिया है. इस क्रम में उन्होंने पहली बार संयुक्त राष्ट्र में आंबेडकर की 125वीं जयंती मनाए जाने का उल्लेख किया.
उन्होंने कहा कि सरकार ने अंबेडकर से जुड़े पांच ऐतिहासिक स्थलों को पंचतीर्थ घोषित किया और लोगों को उनके जीवन और योगदान के बारे में जानकारी देने के लिए उन्हें विकसित भी किया.
उन्होंने कहा कि मोदी ने आंबेडकर की याद में 14 अप्रैल को समरसता दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया और उनकी 125वीं जयंती पर विशेष स्मारक सिक्के भी जारी किए गए. उन्होंने कहा कि आंबेडकर के सम्मान में एक राष्ट्रीय स्मारक 2018 में राष्ट्र को समर्पित किया गया था.
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि अंबेडकर को सच्ची श्रद्धांजलि उनके दिखाए मार्ग पर चलना और समाज के कमजोर वर्गों के लिए काम करना होगी. उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी उनके आदर्शों और सिद्धांतों का पालन कर रही है. उन्होंने कहा कि यह केंद्र और भाजपा शासित राज्यों में सरकार द्वारा लागू की गई सभी नीतियों और कार्यक्रमों को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि मोदी के नेतृत्व में जो भी कार्यक्रम, परियोजनाएं और नीतियां लागू की जा रही हैं, उनका उद्देश्य गरीब से गरीब व्यक्ति का उत्थान, सशक्तिकरण, आर्थिक विकास और सामाजिक न्याय है. नड्डा ने अंबेडकर जयंती पर संविधान निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार बाबा साहेब के मार्ग पर चलकर सामाजिक न्याय, आर्थिक सुदृढ़ीकरण व अंत्योदय से सबका विकास सुनिश्चित कर रही है.
नड्डा ने राजधानी स्थित भाजपा मुख्यालय में एक कार्यक्रम में अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बाबा साहेब के मार्ग पर चलकर सामाजिक न्याय, आर्थिक सुदृढ़ीकरण व अंत्योदय से सबका विकास सुनिश्चित कर रही है. अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल, 1891 को मध्य प्रदेश के महू में हुआ था. एक साधारण पृष्ठभूमि से उठकर वह स्वतंत्रता संग्राम के दौरान हाशिए पर पड़े लोगों की मुखर आवाज बने. उन्हें कई सामाजिक सुधारों की शुरुआत करने का श्रेय दिया जाता है. सोर्स भाषा