केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन जेल से रिहा, देशद्रोह का लगा था आरोप

लखनऊ: केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को जमानत के लिए अदालत में बंध पत्र (श्योरिटी) पेश करने के एक दिन बाद बृहस्पतिवार को जेल से रिहा कर दिया गया. एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने यहां बताया कि कप्पन को जेल से रिहा कर दिया गया है. यहां विशेष पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम) अदालत में बुधवार को एक-एक लाख रुपये के दो बंध पत्र दाखिल किए गए. लखनऊ जिला जेल के जेलर राजेंद्र सिंह ने पीटीआई-भाषा को बताया कि कप्पन को बृहस्पतिवार की सुबह करीब सवा नौ बजे जेल से रिहा किया गया. 

साथ वालों के बारे में कप्पन ने कहा कि वे छात्र थे:
जेल से बाहर निकलने के बाद कप्पन ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि मैं 28 महीने बाद जेल से बाहर आया हूं. मैं काफी संघर्ष के बाद बाहर आया हूं. मैं खुश हूं, मीडिया का बहुत समर्थन मिला. यह पूछे जाने पर कि वह वहां (हाथरस) क्यों गए थे, कप्पन ने कहा कि वह वहां "रिपोर्टिंग" करने गए थे. अपने साथ वालों के बारे में कप्पन ने कहा कि वे छात्र थे.

बलात्कार के बाद एक दलित महिला की मौत हो गई थी:
बरामदगी पर कप्पन ने कहा कि कुछ नहीं मेरे पास केवल एक लैपटॉप और मोबाइल था. उनके पास से कुछ (आपत्तिजनक) सामग्री मिलने की खबरों पर कप्पन ने कहा कि उनके पास "दो पेन और एक नोटपैड" था. कप्पन और तीन अन्य को अक्टूबर 2020 में गिरफ्तार किया गया था, जब वे सब हाथरस जा रहे थे, जहां कथित रूप से बलात्कार के बाद एक दलित महिला की मौत हो गई थी.

प्रौद्योगिकी कानून के तहत मामला दर्ज किया गया:
आरोपी को तीन अन्य लोगों - अतिकुर रहमान, आलम और मसूद - के साथ मथुरा से अक्टूबर 2020 में गिरफ्तार किया गया था. उन तीनों पर पीएफआई के साथ संबंध रखने तथा हिंसा भड़काने के षडयंत्र का हिस्सा होने का आरोप है. कप्पन के खिलाफ भारतीय दंड विधान की विभिन्न धाराओं के अलावा गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम एवं सूचना प्रौद्योगिकी कानून के तहत मामला दर्ज किया गया था. सोर्स-भाषा