केपी ग्रुप के विजनरी चेयरमैन - मैनेजिंग डायरेक्टर फारूक जी. पटेल ने वैज्ञानिक विश्लेषण के आधार पर एक नया साहसिक कदम उठाते हुए भरूच जिले के कोरा गांव में सात पवन चक्की स्थापित की
अब तक सिर्फ भावनगर, पोरबंदर और कच्छ क्षेत्र में ही पवन चक्कियों के लिए अनुकूल वातावरण बताया जाता था, लेकिन दक्षिण गुजरात भी इसके लिए बहेतर विकल्प होना साबित कर दिखाया
सूरत: रिन्यूएबल क्षेत्र में काम करने वाले भारत के अग्रणी और सूरत स्थित केपी ग्रुप ने इतिहास रच दिया है। केपी ग्रुप के तहत कार्यरत केपीआई ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एनएसई- बीएसई लिस्टेड) को दक्षिण गुजरात की धरती पर पहली हाइब्रिड संचालित विंड टरबाइन स्थापित करने और कमिशनिंग करने का श्रेय जाता है। कंपनी के विझनरी चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर फारूक जी. पटेलने वैज्ञानिक आकलन करवा कर यह प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाया। कंपनी ने हाइब्रिड प्रोजेक्ट के अंतर्गत भरूच जिले के कोरा गांव में कुल 7 विंड टर्बाइन (पवन चक्की) स्थापित की है। वहीं, सारोज़ और सामोज में सोलर प्लांट स्थापित किया है। अब तक गुजरात के भावनगर, पोरबंदर, कच्छ क्षेत्र को विंड टर्बाइनों के लिए सबसे अनुकूल क्षेत्र माने जाते थे, लेकिन केपी ग्रुप के इस अध्ययन वाले साहस से रिन्युएबल एनर्जी क्षेत्र को नई दिशा मिली है और दक्षिण गुजरात में पवन चक्की क्षेत्र में नींव रखी है।
केपी ग्रुप के सीएमडी फारूक जी. पटेल ने बताया कि गुजरात सरकार की बिजनेस फ्रेंडली रिन्यूएबल एनर्जी पॉलिसी की वजह से प्रोजेक्ट आसानी से पूरा हो सका। साथ ही टर्बाइनों के शीघ्र प्रावधान के लिए सुजलॉन और सेवियन कंपनी का भी उन्होंने धन्यवाद व्यक्त किया। श्री फारूक पटेल ने नोवियो ज्वेलरी एलएलपी के प्रमोटर श्री बकुल लिंबासिया का विशेष धन्यवाद व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने हमारी कंपनी के विजन पर सबसे पहले विश्वास कर निवेश किया। उन्होंने भरोसा रखने के लिए स्टेकहोल्डर्स का भी आभार जताया। फारूक पटेल आगे यह भी कहा कि हमारे लिए यह गर्व की बात है कि हम प्रधानमंत्री श्री नरेंद्रभाई मोदी के 500 गीगावाट रिन्यूएबल ऊर्जा के लक्ष्य में अपना योगदान दे रहे हैं।
यह सात विंड टर्बाइन, नोवियो ज्वेलरी एलएलपी, ग्रीन लैब डायमंड, मोनो स्टील के लिए सीपीपी के तहत और एक टर्बाइन खुद केपीआई ग्रीन एनर्जी लिमिटेड ने आईपीपी के तहत स्थापित किया है।
केपी समूह दक्षिण गुजरात में अन्य कई परियोजनाएं स्थापित करने के लिए तत्पर है और वर्ष 2025 तक 2 गीगावाट्स तक सोलार- विन्ड एनर्जी प्रोजेक्ट स्थापित करने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहा है।