जयपुर: पिछले साल बिपरजॉय चक्रवात ने जून के दूसरे पखवाड़े में बारिश के बरसों पुराने रिकॉर्ड धराशाही कर दिए थे. गत 17 जून को बिपरजॉय ने मारवाड़ में प्रवेश किया था और बाढ़ के हालात बने थे. मारवाड़ के बांधों में जमकर पानी की आवक हुई थी. लेकिन इस बार गर्मी के बीच मानसून का इंतजार किया जा रहा है. हालात यह हैं कि 1 से 15 जून के बीच प्रदेश के 41 बांध सूख गए और प्रदेश के बांधों की कुल भराव क्षमता में 15 दिन के भीतर 2.1 प्रतिशत पानी कम हो गया.
प्रदेश में पिछले साल बिपरजॉय चक्रवात की तूफानी बारिश ने बांधों की फिजा बदल दी थी. 17 जून को बिपरजॉय के प्रवेश के साथ ही बांधों की भराव क्षमता में एक दिन के भीतर 8 प्रतिशत पानी की आवक हो गई थी. इन बांधों के दिनभर भी फिरे थे, जो बरसों से सूख पड़े थे. खासकर मारवाड़ में दर्जनों बांध झलके थे और कई इलाकों में बाढ़ के हालत बने थे. लेकिन इस बार भीषण गर्मी के बीच मानसून का इंतजार बना हुआ है. बांधों की बात करें तो ढाई माह के भीतर 126 बांध सूख चुके हैं.
प्रदेश के बांधों से जुड़ी बड़ी अपडेट
भीषण गर्मी ने सुखा दिए 15 दिन में 40 बांध
1 से 15 जून के भीतर सूख गए 40 बांध
जबकि 30 मार्च से 31 मई के बीच सूखे थे 85 बांध
15 दिन के भीतर आंशिक भरे हुए बांध भी 157 से बढ़कर 197 हो गए
मात्र 15 दिन के भीतर कुल भराव क्षमता का 2.3 प्रतिशत पानी हुआ कम
बांधों में अभी कुल भराव क्षमता का मात्र 32.55 प्रतिशत पानी
जबकि पिछले साल 15 जून तक था 42.96 प्रतिशत पानी
पिछले साल से करीब 10 प्रतिशत से अधिक पानी कम
प्रदेश के बांधों की ताजा स्थिति पर नजर डाले तो 30 मार्च से 15 जून के बीच 126 बांध सूख चुके हैं और आंशिक भरे बांधों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है. ऐसे में साफ है कि बांधों में पिछले साल से कम पानी बचा है. यदि बिपरजॉय को हटा दिया जाए तब भी इस बार पिछले साल से खराब हालात है. दो माह में 84 बांध सूखे और 1 से 15 जून तक 41 बांध सूख गए. अभी तो जून के अंतिम सप्ताह में मानसून की एंट्री होने की संभावना है. ऐसे मेंं पेयजल प्रबंधन पर ज्यादा जोर देना होगा.