मुझे एंकर शब्द पसंद नहीं क्योंकि सभी खेल को अलग रवैये के साथ खेलते हैं: लिविंस्टोन

नई दिल्ली: लियाम लिविंगस्टोन को भले ही बड़े छक्के जड़ने की उनकी क्षमता के लिए पहचाना जाता हो लेकिन इंग्लैंड और पंजाब किंग्स के इस बल्लेबाज को नहीं लगता है कि टी20 क्रिकेट में ‘एंकर’ (एक छोर पर टिककर खेलने वाला बल्लेबाज) की भूमिका बेमानी हो गई है. लिविंगस्टोन को ‘एंकर’ शब्द पसंद नहीं है लेकिन इस 29 वर्षीय बल्लेबाज का मानना है कि टीमों का बल्लेबाजी को लेकर रुख अलग होता है क्योंकि प्रत्येक खिलाड़ी अलग रवैये के साथ खेलता है.

दिल्ली कैपिटल्स के मुख्य कोच रिकी पोंटिंग ने हाल में कहा था कि सबसे छोटे प्रारूप में एंकर की भूमिका संभवत: खत्म हो रही है. अब चोटिल हो चुके लोकेश राहुल और पूर्व भारतीय कप्तान विराट कोहली के मौजूदा आईपीएल में रवैये पर सवाल उठे हैं जिन्होंने आक्रामक खेल दिखाने की जगह एक छोर पर टिककर रन बनाने की रणनीति के अनुसार बल्लेबाजी की. यह पूछे जाने पर कि क्या टी20 क्रिकेट में एंकर की भूमिका बेमानी हो गई है, लिविंगस्टोन ने पीटीआई से कहा कि यह प्रत्येक टीम पर निर्भर करता है, सभी लोग अलग तरह से खेलते हैं. प्रत्येक टीम में अलग-अलग खिलाड़ी होते हैं और यह इस पर निर्भर करता है कि खिलाड़ी की टीम में क्या भूमिका है.

पिछले साल आईपीएल में अपना अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले लिविंगस्टोन घुटने की चोट के रिहैबिलिटेशन के कारण मौजूदा सत्र में देर से पंजाब किंग्स के साथ जुड़े. लिविंगस्टोन की नजरें अब अपनी टीम को प्ले ऑफ में जगह दिलाने पर टिकी हैं लेकिन इसके लिए पंजाब को अपने बाकी बचे तीनों मैच जीतने होंगे. इस आक्रामक बल्लेबाज ने मौजूदा सत्र में अब तक 163.81 के स्ट्राइक रेट से 172 रन बनाए हैं. लिविंगस्टोन ने कहा कि दोबारा मैदान पर उतरकर खेलना अच्छा लगता है. मैं काफी समय तक नहीं खेला, यह अपने खेल के बारे में सोचने और उस पर काम करने के लिए अच्छा समय था और अब क्रिकेट का लुत्फ उठाकर काफी अच्छा लग रहा है.

टूर्नामेंट में अब तक पंजाब के प्रदर्शन पर उन्होंने कहा कि इसमें काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है. हमने कई बार काफी अच्छा क्रिकेट खेला लेकिन पूरे सत्र के दौरान अहम लम्हों पर मौके गंवाए. अब हमें अपने तीनों मुकाबले जीतने होंगे. पंजाब किंग्स को शनिवार को दिल्ली कैपिटल्स से भिड़ना है. दुनिया भर में फ्रेंचाइजी लीग की बढ़ती संख्या को देखते हुए तीनों प्रारूपों में खेल पाना बेहद मुश्किल हो गया है. दिसंबर में पाकिस्तान में टेस्ट पदार्पण के दौरान चोटिल हुए लिविंगस्टोन दुनिया भर के फ्रेंचाइजी क्रिकेट में खेलना चाहते हैं और साथ ही उन्हें उम्मीद है कि वह टेस्ट क्रिकेट में दोबारा इंग्लैंड का प्रतिनिधित्व कर पाएंगे. सोर्स भाषा