लंपी बीमारी : मुख्यमंत्री गहलोत ने प्रभावित पशुपालकों के खातों में अंतरित किए 175 करोड़ रुपए

जयपुर: राजस्थान के मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को करीब 42 हजार उन पशुपालकों के खातों में बतौर मुआवजा राशि कुल 175 करोड़ रुपये अंतरित किए जिनकी दुधारू गायों की मौत लंपी बीमारी से हो गई थी.गहलोत ने यहां एक कार्यक्रम में कहा क‍ि राज्‍य भर के प्रभावित पशुपालकों के खातों में प्रति परिवार अधिकतम दो दुधारू गोवंश के लिए 40-40 हजार रुपये बैंक खातों में अंतरित (डीबीटी) क‍िए जा रहे हैं. मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर करीब 41 हजार 900 पशुपालकों के खातों में कुल 175 करोड़ रुपये की मुआवजा राशि अंतरित की. यहां आयोजित राजस्थान किसान महोत्सव के पहले दिन लंपी रोग आर्थिक सहायता वितरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार की नीतियों एवं कार्यक्रमों से पशुपालकों एवं किसानों को अधिकतम राहत देने का संकल्प साकार हो रहा है.

उन्होंने कहा कि लंपी महामारी के दौरान राज्य में कुशल प्रबंधन किया गया. लंपी महामारी में दुधारू गोवंश गंवाने वाले पशुपालकों को राहत प्रदान करने के उद्देश्य से आर्थिक सहायता देने की घोषणा बजट में की गई जिसके क्रियान्वयन के तहत आज पैसे खातों में भेजे गए. मुख्यमंत्री ने दावा किया कि इस साल लंपी महामारी से बचाव हेतु 68 लाख से अधिक गोवंश का टीकाकरण किया जा चुका है.गहलोत ने कहा कि राज्‍य में दूध पर प्रति लीटर पांच रुपये का अनुदान दिया जा रहा है. प्रत्येक परिवार हेतु दो-दो दुधारू पशुओं का प्रति पशु 40,000 रुपये का बीमा किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि गोशालाओं को नौ माह व ‘नंदीशालाओं’ को 12 माह का अनुदान दिया जा रहा है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि नंदीशाला खोलने के लिए प्रति ग्राम पंचायत 1.56 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता दी जा रही है. अब तक गोशालाओं को लगभग 2500 करोड़ रुपये का अनुदान दिया चुका है.उन्होंने दावा किया कि राज्य सरकार के निर्णयों की वजह से राजस्थान दुग्ध उत्पादन के मामले में देश का शीर्ष राज्य बन गया है.कार्यक्रम के दौरान गहलोत ने प्रदेश के नवगठित जिलों के लाभार्थियों से संवाद किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि अलग कृषि बजट प्रस्तुत करने वाला राजस्थान पहला राज्य है; किसानों के लिए लाई गई योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए 12 कृषि मिशन शुरू किए गए हैं. साथ ही रोजगार देने में राजस्थान अग्रणी है.

गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में 3.50 लाख से अधिक सरकारी नौकरियां देने का कार्य कर रही है. निजी क्षेत्र में रोजगार देने के लिए 100 ‘मेगा जॉब फेयर’ (विशाल रोजगार मेला) आयोजित किए जा रहे हैं.एक बयान के अनुसार 16 से 18 जून तक चलने वाले राजस्थान किसान महोत्सव में 50 हजार किसान भाग लेंगे. मेले में कृषि, बागवानी, पशुपालन, डेयरी, मत्स्य पालन और कृषि विपणन की विश्व स्तरीय तकनीकों का प्रदर्शन किया गया है.

बयान के मुताबिक मेले में कृषि, बागवानी और पशुपालन के लिए ‘जाजम-चौपालों’ की व्यवस्था की गई है जिसमें विशेषज्ञ और किसान एक-दूसरे से रूबरू हो सकेंगे. इस अवसर पर किसानों को उद्योग लगाने, उर्वरकों और उन्नत बीजों की जानकारी देने और युवाओं को उद्यमी बनाने के लिए 200 से ज्यादा स्टॉल लगाए गए हैं. इस अवसर पर उद्योग मंत्री शकुंतला रावत, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग, राजस्थान किसान आयोग अध्यक्ष महादेव सिंह खंडेला, पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा, विधायक अमीन कागजी व आलोक बेनीवाल भी मौजूद थे. सोर्स भाषा