Maharashtra: नांदेड़ के 12 गांवों में बाढ़ की स्थिति, हजार लोगों को किया सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित

नई दिल्ली : महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले में शुक्रवार को बिलोली तहसील के लगभग 1,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया गया है क्योंकि भारी बारिश से 12 गांवों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है. जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि राजस्व विभाग के कर्मियों और अन्य लोगों की बचाव टीमों ने गुरुवार शाम से बचाव अभियान चलाया जो देर रात तक जारी रहा.

हरनाली, मचनूर, बिलोली, गोलेगांव, अराली, कसाराली, बेलकोनी, कुंडलवाड़ी और गंजगांव सहित 12 गांवों के लगभग 1,000 निवासियों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया. बारिश के बाद इन गांवों में जल स्तर अचानक बढ़ गया, जिससे बाढ़ आ गई. उन्होंने बताया कि इन गांवों की बस्तियों और खेतों में पानी घुसने से लोगों को स्थानांतरित कर दिया गया है. अधिकारी ने बताया कि बचाए गए लोगों को पास के जिला परिषद संचालित स्कूलों या ऊंचे इलाकों में स्थित घरों में अस्थायी आश्रय दिया गया है. उन्होंने कहा कि कई स्थानीय लोगों ने भी बचाव अभियान में योगदान दिया. 

नोंदेड़ में हर साल होती बाढ़ दर्ज: 

नांदेड़ जिले में हर साल अपेक्षाकृत अधिक बाढ़ दर्ज की जाती है क्योंकि जयकवाड़ी बांध और मराठवाड़ा और उत्तरी महाराष्ट्र में अन्य सिंचाई परियोजनाओं से पानी का निर्वहन जिले के विभिन्न शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों से होकर गुजरता है. स्थानीय आपदा प्रबंधन इकाई को बाढ़ संभावित गांवों पर कड़ी नजर रखने को कहा गया है.

एसडीआरएफ की बटालियन को किया तैनात: 

नांदेड़ के जिला सूचना कार्यालय द्वारा तैयार किए गए एक आधिकारिक दस्तावेज में पाया गया है कि पड़ोसी राज्य तेलंगाना से पोचमपाड़ सिंचाई परियोजना का पानी भरना भी नांदेड़ में बाढ़ के लिए जिम्मेदार है. जिला प्रशासन ने राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की एक बटालियन को एक अन्य स्थानीय कार्यबल के साथ तैनात किया है. प्रशासन 11 बचाव नौकाओं से सुसज्जित है, जिसमें तीन उच्च-घनत्व पॉलीथीन नौकाएं (एचडीपीई) शामिल हैं.