Anil Ambani से महाराष्ट्र सरकार ले सकती 5 हवाई अड्डे वापस, खराब रखराव के साथ बकाया है भुगतान

नई दिल्ली : महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने विधानसभा में कहा कि महाराष्ट्र सरकार खराब रखरखाव और वैधानिक बकाया का भुगतान न करने के कारण आर्थिक रूप से संकटग्रस्त अनिल अंबानी समूह को पट्टे पर दिए गए पांच हवाई अड्डों को वापस लेने पर विचार कर रही है.

फड़णवीस ने कहा कि, उन्होंने न तो हवाई अड्डों का रखरखाव किया और न ही वैधानिक बकाया का भुगतान किया. हम राज्य के महाधिवक्ता से परामर्श करेंगे और देखेंगे कि क्या हम बकाया राशि का भुगतान करके और बाद में कंपनी से उसे वापस लेकर हवाई अड्डों का प्रभार ले सकते हैं. अंबानी के समूह को 2008-09 में बारामती, नांदेड़, उस्मानाबाद, लातूर और यवतमाल हवाई अड्डे पट्टे पर दिए गए थे.

फड़नाविस की विधानसभा को सूचना: 

राज्य में हवाईअड्डों की मौजूदा स्थिति पर कांग्रेस के अशोक चव्हाण और अन्य के ध्यानाकर्षण नोटिस पर चर्चा का जवाब देते हुए, फड़नवीस ने विधानसभा को सूचित किया कि विमान अगले साल अगस्त में हवाईअड्डे से उड़ान भरेंगे. उन्होंने कहा कि सौंपी गई कंपनी द्वारा बकाया भुगतान न करने के कारण नांदेड़ और लातूर हवाई अड्डे पर काम रुक गया है.

650 करोड़ की लागत से हो रहा टर्मिनल भवन का निर्माण: 

नवी मुंबई हवाई अड्डा अगले साल काम करना शुरू कर देगा. नांदेड़, लातूर एयरपोर्ट का काम रुका हुआ है. जिस कंपनी को काम दिया गया था, उसने बकाया भुगतान नहीं किया है. महाधिवक्ता की राय ली जाएगी और हम इस काम में तेजी लाएंगे, फडणवीस ने बाद में ट्वीट किया. उन्होंने कहा कि उचित हवाईअड्डे प्रबंधन के लिए एक प्राधिकरण का गठन किया जाएगा और 3 महीने के भीतर निर्णय लिया जाएगा. फड़णवीस ने कहा कि हम शिरडी हवाईअड्डे पर 650 करोड़ रुपये की लागत से टर्मिनल भवन का निर्माण कर रहे हैं.

महाराष्ट्र में बढ़ेगी हवाई कनेक्टिविटी: 

उन्होंने कहा कि सरकार कुशल हवाईअड्डा प्रबंधन के लिए एक समर्पित प्राधिकरण स्थापित करने की योजना बना रही है. उन्होंने कहा कि इस मामले पर अगले तीन महीने के भीतर फैसला आने की उम्मीद है. उन्होंने कहा, इन कदमों का उद्देश्य महाराष्ट्र में हवाई कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचे को बढ़ाना है, जिससे राज्य की समग्र वृद्धि और विकास में योगदान मिलेगा.

स्थानिय लोग अपनी जमीन देने से कर रहे इनकार: 

उन्होंने कहा कि सरकार कराड हवाईअड्डे की योजना पर काम कर रही है लेकिन स्थानीय लोग अपनी जमीन देने को तैयार नहीं हैं. फड़णवीस ने कहा कि पश्चिमी महाराष्ट्र से कनेक्टिविटी में सुधार के लिए हमें निश्चित रूप से वहां एक हवाई अड्डे की आवश्यकता है. कोल्हापुर में बाढ़ के दौरान, क्षेत्र तक पहुंचना मुश्किल था.