चीन में रहस्यमयी बीमारी को लेकर चिकित्सा विभाग अलर्ट, आपात स्थिति से निपटने के लिए मॉकड्रिल हुई शुरू

राजस्थानः चीन में कोरोना के बाद के एक और रहस्यमयी बीमारी ने देश दुनिया की चिंता बढ़ा के रख दी है. जिसको लेकर भारत सरकार भी फुल अलर्ट मोड़ पर नजर आ रही है. मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बुलाई गयी बैठक के बाद अब मॉकड्रिलिंग की बारी है. चीन में फैले श्वसन रोग को देखते हुए चिकित्सा विभाग की तैयारियां तेजी से जारी है. ऐसे में आपात स्थिति से निपटने के लिए सिस्टम की तैयारियों के लिए आज मॉकड्रिल शुरू हुई है. प्रदेश के सबसे बड़े SMS अस्पताल में भी संसाधनों की मॉकड्रिल करी जा रही है. ताकि देखा जा सके की. चिकित्सा विभाग किसी भी आपात स्थिति को लेकर कितना तैयार है और संसाधनों की स्थिति क्या है. 

ऐसे में मॉकड्रिल के दौरान ऑक्सीजन, बैड, जांच, दवा, एम्बुलेंस, मानव संसाधन एवं आवश्यक उपकरणों की जांच हो रही है. अधीक्षक डॉ.अचल शर्मा के निर्देशन में पूरा प्रशासन मॉकड्रिल में मौजूद है. इस दौरान सबसे बड़ी और अहम बात ये ही कि देखा जा रहा है. कि व्यवस्था किस मोड़ पर है. मेडिकल कॉलेज से जुड़े अस्पतालों से लेकर PHC पर मॉकड्रिल जारी है. ऑक्सीजन की व्यवस्थाओं को लेकर भी मॉकड्रिल में विशेष फोकस रखा गया है. क्योंकि इससे पहले देश कोरोना की मार में ऑक्सीजन की कीमत को जान चुका है. 

बता दें कि मंगरवार को खुद ACS शुभ्रा सिंह ने इसका रिव्यू करने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंस बुलाई. हेल्थ डिपार्टमेंट के डायरेक्टर की ओर से जारी एडवाइजरी में हॉस्पिटलों में दवाइयां, ऑक्सीजन के अलावा जांच के पर्याप्त इंतजाम करने और उनकी मशीनरी की जांच करने के निर्देश दिए गये. साथ ही सभी मेडिकल कॉलेजों और हॉस्पिटल के अधीक्षक, प्रिसिंपल को मॉक ड्रिल करने के भी निर्देश जारी कर दिए. 

बीमारी की गंभीरता को देखते हुए डब्ल्यूएचओ ने भी चेतावनी जारी कर चुका है. दरअसल चीनी मीडिया के मुताबिक चीन के उत्तर पूर्वी इलाके में स्थित लियाओनिंग प्रांत के बच्चे तेजी से बीमार पड़ रहे हैं. रहस्यमयी निमोनिया, यह वायरस चीन में तेजी से बच्चों को अपना शिकार बना रहा है. इस वायरस से संक्रमित होने पर बच्चों को फेफड़ों में दर्द और तेज बुखार जैसी परेशानी झेलनी पड़ती है. फेफड़े में दर्द होने की वजह से मरीज को सांस लेने में भी तकलीफ होती है.