VIDEO: वीरांगनाओं को लेकर सदन में मंत्री शांति धारीवाल का जवाब, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने उठाए सवाल

जयपुर: राजस्थान विधानसभा में आज वीरांगनाओं से जुड़ा मामला उठा. मंत्री शांति धारीवाल ने जवाब देते हुए कहा कि डॉ.किरोड़ी मीणा सिविल लाइन्स बिना सूचना के पहुंचे थे और अभद्र भाषा का इस्तेमाल मीणा द्वारा किया गया. चौमूं सामोद से होते हुए जाने की सूचना पुलिस को मिली. किरोड़ी मीणा चौमूं की तरफ से समर्थकों के साथ आये थे.  डॉ.किरोड़ी लाल मीणा से समझाइश की गई, लेकिन उग्र होकर बेरिकेड्स तोड़ने की कोशिश की. पुलिस जाब्ते के साथ मारपीट करने लगे पुलिस अधिकारी को चोटें आई और अधिक उग्र हुए

डॉ.किरोड़ी और मारपीट करने लगे पुलिस से. सब इंस्पेक्टर के आई थी चोट, फिर राज्यसभा सांसद को समझाइश की कोशिश की. उसके बाद रामलाल शर्मा भी अपने समर्थकों के साथ आ गए. किरोड़ीलाल द्वारा मारपीट की कोशिश की गई और बेरिकेड्स तोड़ने की कोशिश की गई. फिर SDM के आदेशनुसार डॉ.किरोड़ी और उनके समर्थकों को गाड़ियों में बिठाकर रवाना किया. 

वीरांगनाओं को लेकर सदन में मंत्री शांति धारीवाल का जवाब पर उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने सवाल उठाते हुए कहा कि आप बताए कि इस आंदोलन का हेतु क्या था ?
वीरांगनाए सोच रही थी कि आखिर वो नज़रबंद है कैद में है. उनके बारे में कोई वक्तव्य दिया जाएगा, लेकिन आप किरोड़ीलाल को आतंकवादी बताने लगे है? मुख्यमंत्री वीरांगनाओं से  नहीं मिले, लेकिन अन्य वीरांगनाओ को 500 km दूर से बुलवाया गया. 

मंजू जाट को सरकार के मंत्रियों ने कहा था, परिवार के लोग जिसके लिए कहेंगे उसे नौकरी दी जाएगी. बाद में हेमराज मीणा की वीरांगना को दिया वादा राठौड़ ने याद दिलवाया. 34 में से 28 प्रकरण ऐसे हैं जिन वीरांगनाओं के परिवारों को नौकरीं नहीं मिली. 72 साल का व्यक्ति है डॉ.किरोड़ी मीणा उनके आधे अंगों ने काम करना बंद कर दिया है.आपने खुद ने वीरांगनाओं से वादा क्यों किया था ?