तापमान अधिक होने के कारण गेहूं के फसल को किसी तरह के नुकसान का अनुमान लगाना जल्दबाजी होगी: नरेंद्र सिंह तोमर

नई दिल्ली: सरकार ने मंगलवार को कहा कि फरवरी में तापमान अधिक रहने से गेहूं की फसल को नुकसान का अनुमान लगाना जल्दबाजी होगी. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि इस साल फरवरी महीने में उत्तर भारत के अधिकतर मैदानी क्षेत्रों में अधिकतम तापमान करीब 32-33 डिग्री सेल्सियस था, लेकिन गेहूं के उत्पादन पर कोई असर नहीं पड़ा क्योंकि फसल के ऊपर के पर्यावरण में तापमान को आसानी से सिंचाई द्वारा वायु तापमान से 2-3 डिग्री सेल्सियस कम किया जा सकता है.

उन्होंने यह भी कहा कि 16 से 22 मार्च की अवधि में पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में हल्की से मध्यम बारिश हुई है जिसकी वजह से इन हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य के करीब या सामान्य से कम रहा.

तोमर ने कहा कि मौजूदा परिदृश्य में तापमान अधिक रहने की वजह से गेहूं की फसल को किसी तरह के नुकसान का अनुमान लगा पाना जल्दबाजी होगी.(भाषा)