Operation Khushi-7: सिर्फ एक महीने में ही राजस्थान पुलिस ने 358 बच्चों को तलाश उनके परिजनों को सौंपा, जानें किस जिले में तलाशे कितने गुमशुदा बच्चे

जयपुर: गुमशुदा बच्चों को तलाशने के लिए शुरू किए गए ऑपरेशन "खुशी 7" अभियान के सार्थक नतीजे सामने आए हैं. सिर्फ एक महीने में ही राजस्थान पुलिस ने 358 बच्चों को तलाश उनके परिजनों को सौंप दिया है. 

प्रदेश में बच्चों के गुमशुदा होने के मामले काफी संख्या में सामने आते रहे हैं. पहली बार राजस्थान पुलिस ने गुमशुदा बच्चों को तलाशने के लिए बहुत गंभीरता से प्रयास शुरू किये हैं. DGP उमेश मिश्रा की पहल के बाद गुमशुदा बच्चों को तलाशना राजस्थान पुलिस की प्राथमिकताओं में शामिल किया गया है. गुमशुदा बच्चों को ढूंढने के लिए ऐसे तो राजस्थान पुलिस पहले भी अभियान चलाती रही है लेकिन प्राथमिकताओं में शामिल होने के बाद अब हर महीने पुलिस मुख्यालय की ओर से इसके लिए विशेष प्रयास किया जा रहे हैं. बच्चों के गुमशुदा होने के बाद उनके माता-पिता कितने दुःखी होते हैं इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है लेकिन अब पुलिस के विशेष प्रयासों से काफी संख्या में गुमशुदा बच्चों को ढूंढ कर उनके परिजनों।को सौंपा गया है. 

राजस्थान पुलिस ने राज्य स्तर पर 18 वर्ष से कम उम्र के गुमशुदा नाबालिग बच्चों की तलाश हेतु 1 अगस्त से 31 अगस्त तक चलाये गए अभियान ऑपरेशन "खुशी-7" के तहत एक महीने में  गुमशुदा 358 बच्चों को तलाश कर लिया है. अन्य लापता बच्चों की तलाश में पुलिस की टीम लगातार काम कर रही है. अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस सिविल राइट्स स्मिता श्रीवास्तव ने बताया कि इस अभियान के लिए राज्य में थानावार टीमों का गठन कर रेस्क्यू टीमों के साथ महिला एवं बाल विकास विभाग, महिला अधिकारिता विभाग समाज कल्याण विभाग, बाल कल्याण समिति के सदस्यों एवं एनजीओ के प्रतिनिधियों से समन्वय स्थापित कर इन बच्चों की तलाश के लिए व्यापक कदम उठाए गए हैं. 

गुमशुदा बच्चों को तलाशने के लिए पुलिस मुख्यालय का अभियान इसलिए भी सफल हो रहा है क्योंकि अब पुलिस पूरे समन्वय से काम कर रही हैं. पुलिस की ओर से महिला एवं बाल विकास विभाग महिला अधिकारिता विभाग, समाज कल्याण विभाग, बाल कल्याण समिति के सदस्यों और एनजीओ के प्रतिनिधियों से समन्वय स्थापित का काम कर रही है. पुलिस मुख्यालय की निरंतर निगरानी के चलते जिला स्तर पर भी जिला पुलिस का भी सक्रिय होकर काम कर रही है. गुमशुदा बच्चों को तलाशने के अभियान की मॉनिटरिंग खुद डीजीपी उमेश मिश्रा के स्तर पर की जा रही है. उन्होंने कई बार पुलिस अधीक्षकों की बैठक में इस अभियान को गंभीरता से लेने के निर्देश भी दिए हैं. पुलिस मुख्यालय के इस अभियान का एक पहलू यह भी है कि प्रदेश में अब बच्चों की तस्करी से जुड़ी शिकायतें ना के बराबर हो गई है.

किस जिले में पुलिस ने तलाशे कितने गुमशुदा बच्चे:
अजमेर जिले में 16, भीलवाड़ा में 21, नागौर में 17, टोंक में 3, जयपुर उत्तर में 20, जयपुर दक्षिण में 3, जयपुर पूर्व में 13, जयपुर पश्चिम में 5, जयपुर ग्रामीण में 6, झुंझुनू में 8, सीकर में 12, अलवर में 4, भिवाड़ी में 22, बीकानेर में 5, चूरू में 6, गंगानगर में 8, हनुमानगढ़ में 8, जोधपुर पश्चिम में 6, जोधपुर ग्रामीण में 3, बाड़मेर में 10, पाली में 11, कोटा शहर में 8, कोटा ग्रामीण में 6, बूंदी में 9, झालावाड़ में 21, बारां में 3, उदयपुर में 21, बांसवाड़ा में 11, चित्तौड़गढ़ में 9, डूंगरपुर में 22, राजसमंद में 18 और प्रतापगढ़ में 11 बच्चों को तलाश कर परिजनों को सौंपा गया.