VIDEO: एविल ड्रग के दुरुपयोग के मामले में संगठन का बड़ा एक्शन, राजधानी जयपुर में 15 रिटेल दवा दुकानों के लाइसेंस कैंसिल, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर : "एविल" दवा का "नशे" के रूप में दुरूपयोग होने के मामले में औषधि नियंत्रक संगठन ने बड़ा एक्शन किया है. फर्स्ट इंडिया की खबर के बाद जयपुर में करीब एक पखवाड़े की जांच के दौरान विभागीय अधिकारियों को कई गंभीर तथ्य मिले है, जिसके चलते 15 दवा दुकानों के लाइसेंस कैंसिल कर दिए गए है. इसके साथ ही दस दुकानों से जवाब तलब भी किया है. आखिर क्या है पूरा मामला और किन दुकानों पर हुआ एक्शन.

आमतौर पर एलर्जी की दिक्कत होने पर जिस  "एविल" दवा का आप उपयोग करते है, उसे असामाजिक तत्वों ने नशे की "डोज" में तब्दील कर दिया है. जी हां ये कोई हमारा अनुमान नहीं, बल्कि फर्स्ट इंडिया न्यूज की खबर पर ड्रग डिपार्टमेंट की तरफ से चलाए गए सर्च ऑपरेशन की रिपोर्ट है. पिछले एक पखवाड़े के दौरान विभाग की आधा दर्जन से अधिक टीमों ने जयपुर में 25 से 30 जगहों पर छापामार कार्रवाई की इस दौरान जांच में सामने आया कि दुकानों पर 20 एमएल मात्रा के एविल के इंजेक्शनों के खरीद-बेचान में कई तरह की अनियमिताएं बरती जा रही है. कई दुकानदारों के पास तो पांच से सात हजार इजेक्शनों का रिकॉर्ड तक नहीं मिला इसके साथ ही ये भी सामने आया कि शिड्यूल जी में वर्गीकृत फिनारामीन घटक युक्त मल्टी डोज इविल इंजेक्शन सिर्फ नर्सिंग होम, हॉस्पिटल में ही उपयोग हो सकता है, लेकिन फिर भी दुकानों पर यह इंजेक्शन धडल्ले से बेचा गया. गंभीर श्रेणी की इन अनियमिताओं के लिए दुकानों को नोटिस देने के बाद अब उनके लाइसेंस कैंसिल किए गए है.

बालाजी मेडिकल एण्ड जनरल स्टोर, कुम्भा मार्ग, टोंक रोड
विक्रम मेडिकल एण्ड प्रोविजन स्टोर, रामनगरिया, जगतपुरा
श्री सांई मेडिकल एण्ड जनरल स्टोर, कूकस
शांति मेडिकल्स, रामगंज
सक्षम मेडिकल, मालपुरा रोड, सांगानेर
लाइफ केयर फार्मा, दिल्ली बायपास, आमेर
कान्हा मेडिकल, रामगंज बाजार
कमल मेडिकल एण्ड प्रोविजन स्टोर, आगरा रोड
धनराज मेडिकल एण्ड जनरल स्टोर, झालाना डूंगरी
वी जे फार्मास्यूटिकल्स, मालवीय नगर
नवीन मेडिकल एण्ड प्रोविजन स्टोर, जगतपुरा रोड
वैश्नवी मेडिकल एण्ड जनरल स्टोर, दिल्ली रोड,
न्यू लाइफ केयर, मालवीय नगर
शुभम मेडिकल एण्ड प्रोविजन स्टोर गोनेर रोड
श्री गायत्री मेडिकल एण्ड प्रोविजन स्टोर, गेटोर रोड

विभागीय अधिकारियों ने एक तरफ जहां 15 दुकानों के लाइसेंस कैंसिल किए है, वहीं दूसरी ओर इस पूरे मामले में अभी भी कड़ी से कड़ी जोड़कर जांच को आगे बढ़ाया जा रहा है. पिछले दो दिनों की  बात की जाए तो तीन-चार जगहों पर विभागीय टीमों ने सर्च ऑपरेशन चलाया है. हालांकि, इस पूरे मामले में अधिकारियों का कहना है कि दुकानों पर जांच लगातार जारी है. जहां जहां भी अनियमिताएं मिल रही है, उसके खिलाफ एक्शन लिया जा रहा है.

राजधानी में विभागीय अधिकारियों की नाक के नीचे चल रहे दवा के नाम पर नशे के इस कारोबार ने एकबार फिर पूरे सिस्टम पर सवाल खड़े कर दिए है. दवा दुकानों पर तो एक्शन किया जा रहा है. लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि दवा दुकानों पर चल रहे इस नशे के धंधे की भनक उन फील्ड अधिकारियों को क्यों नहीं लगी, जिनके पास एरिया का पूरा जिम्मा था.उम्मीद है कि इस पूरे मामले में विभाग गंभीरता दिखाएगा और आगे ऐसा मैकेनिज्म डवलप करेगा ताकि अधिकारियों की भी जिम्मेदारी तय हो सके.