VIDEO: ऊदबिलाव की अठखेलियां, चंबल की बढ़ी रौनक, देखिए ये खास रिपोर्ट

कोटा: सदानीरा नदी चम्बल के पानी की गहराईयॉ और इसके चट्टानी-उथले किनारे और पठारी टापू एक बार फिर से जलमानुष के ठिकाने बन रहे हैं. हिन्दी में ऊदबिलाव और अंग्रेजी में ओटर कहे जाने वाले इस उभयचर प्राणी को जल के राजा मगरमच्छ से भी खतरनाक माना जाता हैं और इसीलिये इसे प्रदेश के चंबल के किनारों वाले इलाके में जलमानुष के चर्चित नाम से पुकारा जाता हैं. एक समय में लुप्त प्राय से हो गये इस उभयचर प्राणी के अब कई परिवारों को रावतभाटा से कोटा के बीच की चंबल नदी में देखे जाने से वन्यजीव प्रेमी उत्साहित और रोमांचित हैं. 

स्तनधारी अर्धजलीय जीव इंडियन स्मूथ कोटेड ओटर, हिन्दी में कहें तो ऊदबिलाव या चर्चित नाम से पुकारें तो जलमानुष, एक बार फिर से चम्बल की रौनक और जलीय जैव विविधता की वापसी करा रहा हैं.  अत्यंत दुर्लभ और संकटग्रस्त प्रजाति के इस जीव के कई परिवार अब कोटा से रावतभाटा के बीच की चम्बल की अथक गहराईयों और विकट जलीय जंगलों और टापूओं पर अठखेलियां करते नजर आ रहे हैं और ये तस्वीरें हाड़ौति की वन्यजीव संपदा के लिये किसी अजूबे से कम नहीं हैं. 

कोटा के युवा वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट आदिल सैफ के साथ फर्स्ट इंडिया का कैमरा चम्बल के उन किनारों तक पहुंचा,जहां ओटर फैमिली पर ये नवीनतम शोध और खोज की गयी हैं.

हाड़ौति के वन्यजीवन के जानकार चंदनसिंह शक्तावत बताते हैं कि भारत में मात्र चार जगह उदबिलाव पाया जाता है.. और कोटा में मुकुंदरा टाइगर रिजर्व की घाटियों और चंबल घड़ियाल सेंचुरी की कराइयो में इसे 2007-08 में खुब देखा गया था लेकिन इसके बाद धीरे-धीरे ये प्रजाति लुप्त होने की तरफ बढती चली गयी. तैरने में माहिर ये जानवर मगरमच्छ से लेकर पैंथर तक के छक्के छुड़ाने का माद्दा रखता हैं. आमतौर पर साफ पानी में रहने वाला ओटर नाव के चप्पू के आकार की अपनी पूंछ के साथ तैरने में महारत रखते हैं और समूह में रहना पसंद करते हैं. भोजन के लिये ओटर मछली और केकड़ों का शिकार करते हैं..इस अनोखे जीव की खाल में प्रति वर्ग इंच में 600,000 से 1,000,000 बालों के रोमछिद्र होते है.

बहरहाल वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट्स की ताजा खोजों में कोटा बैराज से रावतभाटा के बीच 7-8 उदबिलाव परिवार देखे गये हैं..एक ओटर फैमिली में आधा दर्जन से लेकर एक दर्जन तक सदस्य होते हैं और एक महिला उदबिलाव की कमान में हर फैमिली मेंबर की भूमिका तय होती हैं. बहरहाल चंबल की वादियों में उदबिलाव परिवार की अठखेलियां चंबल के रुप सौंदर्य और नदी के प्राकृतिक वन्यजीवन को चार चांद लगा रही हैं..बहरहाल अभी तो सभी चम्बल में ओटर फैमिली के कुनबे के और अधिक फूलने-फूलने की दुआएं कर रहे हैं.

...भंवर एस. चारण,फर्स्ट इंडिया न्यूज,कोटा