VIDEO: भीलवाड़ा मंडियों में भूखंड आवंटन की प्रक्रिया रद्द, कृषि विपणन विभाग ने जांच में मानी थी गड़बड़ियां, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: भीलवाड़ा की कृषि उपज मंडियों में हुए गड़बड़झाले का फर्स्ट इंडिया न्यूज द्वारा खुलासा किए जाने का बड़ा असर हुआ है. कृषि विपणन विभाग ने आवंटन प्रक्रिया में गड़बड़ियां मानते हुए इसे रद्द कर दिया है. फर्स्ट इंडिया न्यूज ने 11 अप्रैल को पूरे मामले का खुलासा किया था. जांच में आवंटन प्रक्रिया को त्रुटिपूर्ण मानते हुए विभाग ने इसे रद्द कर दिया है. भीलवाड़ा जिले की कृषि उपज मंडियों में चल रही भूखंड आवंटन की गड़बड़ कार्यप्रणाली को रोक दिया गया है. 

कृषि विपणन विभाग ने अब आदेश जारी किए हैं कि मंडियों में भूखंड आवंटन के लिए जो प्रक्रिया पहले से चल रही थीं, वे सब रद्द की जाती हैं. इन मंडियों में भूखंड आवंटन की प्रक्रिया अब नए सिरे से शुरू की जाएगी. दरअसल भीलवाड़ा की मुख्य कृषि उपज मंडी, गौण मंडी कोटड़ी, पालड़ी मंडी और कपास मंडियों में भूखंड आवंटन के लिए प्रक्रिया चल रही थी. यहां मंडी समिति के पूर्व सचिव रजनीश सिंह को खाद्यान्न व्यापार संघ भीलवाड़ा की शिकायत के आधार पर 4 मार्च को हटाया गया था. वे इन गड़बड़ियों के बीच ही मंडियों में आवंटन की प्रक्रिया को पूरी करने में लगे थे. इस कारण रजनीश सिंह ने रिलीव होने में भी 10 दिन से अधिक का समय लगा दिया था.

भीलवाड़ा मंडी में किस तरह की गड़बड़ियों के थे आरोप ?:
- कृषि उपज मंडी समिति भीलवाड़ा में 17 फरवरी 2022 से आवेदन लिए गए
- आवेदन प्रक्रिया पूरी होने के 5 महीने बाद फिर आवेदन मांग लिए
- 11 जुलाई 2022 को नोटिस जारी कर 30 जुलाई तक आवेदन मांगे गए
- आरोप यह कि चहेतों को शामिल करने के लिए 5 माह बाद आवेदन लिए गए
- पालड़ी नवीन मंडी यार्ड में 414 भूखंडों के लिए 9 सितंबर 2022 को आवेदन लिए गए
- सरकार के नियमों में गौड़ मंडी बनी नहीं, इससे पहले ही आवंटन के फार्म लिए
- 9 नवंबर 2022 को कपास मंडी में 4 बड़े भूखंड आवंटन के लिए नोटिस जारी किया
- पहले केवल 21 नवंबर 2022 को आवेदन शुरू कर उसी दिन बंद कर दिए
- विरोध हुआ तो फिर नए सिरे से 21 दिसंबर 2022 तक आवेदन लिए गए
- आरोप यह कि 25 दिन आवेदन लिंक नहीं खुला, बहुत कम संख्या में आवेदन आए

मंडियों में भूखंड आवंटन में गड़बड़ियों की शिकायत के आधार पर कृषि विपणन विभाग ने जांच कमेटी बनाई. अजमेर के क्षेत्रीय उप निदेशक करण सिंह की जांच में सामने आया कि आवंटन से जुड़ी पत्रावलियां कार्यालय में उपलब्ध नहीं थी. आवेदन पत्रों की जांच के बाद आपत्ति आमंत्रण सूचना ही नहीं दी गई. आपत्ति आमंत्रण की सूचना न मंडी कार्यालय, न व्यापार संघ कार्यालय में दी गई. और न ही आवंटन समिति सदस्यों के नोटिस बोर्ड या अजमेर कार्यालय में सूचना दी गई थी. मंडियों में आवेदकों से आपत्तियां मांगे बगैर ही भूखंड आवंटन करने की तैयारी चल रही थी. 

अब कार्रवाई क्या ?:
- मंडियों में भूखंड आवंटन में गड़बड़ियों का खुलासा फर्स्ट इंडिया न्यूज ने किया
- 11 अप्रैल को प्रमुखता से खबर प्रसारित कर बताया कि आवंटन प्रक्रिया है गलत
- आवेदन लेने से लेकर आवंटन प्रक्रिया में कई स्तर पर गड़बड़ियां हुई
- अब कृषि विपणन निदेशक सीताराम जाट ने 8 मई को आदेश जारी किया
- इस आदेश के जरिए भीलवाड़ा की इन सभी मंडियों के आवंटन प्रक्रिया निरस्त की
- सभी मंडियों में भूखंड आवंटन की प्रक्रिया नए सिरे से शुरू की जाएगी