प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिना किसी भ्रम के कड़े फैसले लिए- Amit Shah

सलंगपुर: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिना किसी भ्रम के, कुछ कड़े फैसले लिए और उन्हें लागू करते हुए देश में अमन-चैन तथा शांति भी बनाए रखी.

शाह वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर के जीर्णोद्धार समेत धार्मिक व सांस्कृतिक महत्व की कुछ बड़ी परियोजनाओं का जिक्र कर रहे थे. उन्होंने कहा कि जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने गठन के बाद केवल दो लोकसभा सीटें जीतीं, तो तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने इसका मजाक उड़ाया था. लेकिन अब, भाजपा की देश के 16 राज्यों में सरकारें हैं और संसद के 400 से अधिक सदस्य हैं.

मोदीजी ने राम मंदिर के लिए शिलान्यास कर दिया:
शाह ने कहा कि जब भी भाजपा केंद्र में सत्ता में आई, तब भारतीय संस्कृति को जबरदस्त बढ़ावा मिला और यह दुनिया भर में लोकप्रिय हुई. शाह हनुमान जयंती के अवसर पर गुजरात के बोटाड जिले के सलंगपुर गांव में श्री कष्टभंजन देव मंदिर में नव निर्मित एक विशाल रसोई का उद्घाटन करने पहुंचे थे. केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने कहा कि अयोध्या में राम जन्मभूमि के लिए बाबर के समय से लेकर अब तक लाखों लोगों ने बलिदान दिया है. समाधान तलाशने के बजाय कांग्रेस मुद्दे को खींचती रही. एक दिन अदालत का फैसला आया और मोदीजी ने राम मंदिर के लिए शिलान्यास कर दिया.

साथ ही साथ देश में अमन-चैन भी बनाए रखा:
भाजपा नेता ने कहा कि हालांकि कुछ लोग कहते थे कि अनुच्छेद 370 और राम जन्मभूमि के मुद्दों को छुआ गया तो दंगे भड़क उठेंगे, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. उन्होंने कहा "इसी तरह, हमने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, केदारधाम, बद्रीनाथ, सोमनाथ मंदिर पर स्वर्णावरण और पावागढ़ मंदिर का जीर्णोद्धार कार्य पूरा कर लिया है. भाजपा नेता और हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिना किसी भ्रम के, पूरी दृढ़ता के साथ कड़े फैसले लिए, साथ ही साथ देश में अमन-चैन भी बनाए रखा. शाह ने मंदिर परिसर में अपने संबोधन में कहा कि यह संयोग है कि आज हनुमान जयंती के साथ ही भाजपा का स्थापना दिवस भी है.

स्थापना की घोषणा मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम में की:
उन्होंने कहा कि (पूर्व प्रधानमंत्री) अटल जी और (पूर्व गृह मंत्री) आडवाणी जी ने सिद्धांतों के आधार पर 6 अप्रैल 1980 को भाजपा की स्थापना की. उन्होंने कहा कि भाजपा की स्थापना की घोषणा मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम में की गई थी. शाह ने कहा कि उस समय कई लोगों ने भाजपा का मजाक उड़ाया था और जब लोकसभा चुनाव में हमें केवल दो सीटें मिली थीं, तब तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने संसद में मजाक में कहा था, 'हम दो हमारे दो'.

दो प्रधानमंत्री और दो राष्ट्रीय प्रतीक नहीं हो सकते:
उन्होंने कहा कि भगवान हनुमान के आशीर्वाद के कारण, भाजपा की अब 16 राज्यों में सरकारें हैं और 400 से अधिक संसद सदस्य हैं. शाह ने कहा कि आजादी के बाद जब भी भाजपा केंद्र में सत्ता में आई, चाहे वह अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में हो या नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हो, भारतीय संस्कृति को भारी बढ़ावा मिला और यह दुनिया भर में लोकप्रिय हुई. उन्होंने कहा कि लोग लंबे समय से कह रहे थे कि भारत में दो संविधान, दो प्रधानमंत्री और दो राष्ट्रीय प्रतीक नहीं हो सकते.

मुझे खुशी है कि भगवद् गीता भी उपहार में दी जाती है:
शाह ने कहा कि जब नरेंद्र मोदी को पूर्ण बहुमत मिला, तो उन्होंने कलम के जरिए एक झटके से चुपचाप (जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले) संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया. इस देश का हर नागरिक, चाहे वह गरीब हो या अमीर, खुश था कि प्रधानमंत्री मोदी ने उनकी इच्छा पूरी की और कश्मीर को अपना बना लिया. उन्होंने कहा कि अतीत में जब अन्य देशों के नेता गुजरात का दौरा करते थे, तो उन्हें या तो (अहमदाबाद स्थित) सिदी सैय्यद मस्जिद की पत्थर की जाली या ताजमहल की प्रतिकृति स्मृतिचिह्न के तौर पर भेंट में दी जाती थी. भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है. लेकिन आज, मुझे खुशी है कि भगवद् गीता भी उपहार में दी जाती है.

विशाल रसोई एक लाख वर्ग फुट क्षेत्र में फैली हुई:
उन्होंने कहा कि हमारी कीमती मूर्तियां या तो चोरी हो गईं, या उपहार में दे दी गईं. यहां तक ​​कि आजादी से पहले दुनिया भर में बेच दी गईं. प्रधानमंत्री मोदी के नौ साल के शासन के दौरान, 360 मूर्तियां वापस लाकर मंदिरों में फिर से स्थापित की गईं, जिनमें से कई तो 1,000 साल से अधिक पुरानी थीं. इस बीच, श्री कष्टभंजन देव मंदिर ने एक बयान में कहा कि 55 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित उसकी अत्याधुनिक विशाल रसोई एक लाख वर्ग फुट क्षेत्र में फैली हुई है. इसमें लगभग 4,000 श्रद्धालु भोजन खाने की मेज पर बैठकर ‘प्रसाद’ अथवा भोजन ग्रहण कर सकते हैं. सोर्स-भाषा