VIDEO: हवा में जहर! जयपुर में आज प्रदूषण रेड जोन के करीब, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: नवम्बर की शुरुआत के साथ ही राजधानी सहित प्रदेश के प्रमुख शहरों की सांसें फूलने लगी हैं. दीपावली के पहले ही प्रदेश के लोगों के फेंफड़ों को शुद्ध हवा के लिए ज्यादा जोर लगाना पड़ रहा है. हरियाणा, पंजाब के किसानों द्वारा पराली जलाने और फेस्टिव सीजन में उद्योगों द्वारा प्रदूषण मंडल की गाइड लाइन का पालन न करने से हवा की शुद्धता कम होती जा रही है और प्रदूषणजनित बीमारियों का प्रभाव बढ़ता जा रहा है. 

AQI              श्रेणी                प्रभाव

0- 50           अच्छा               बेअसर

51-100        संतोषजनक      संवेदनशील लोगों को सांस में हल्की तकलीफ

101-200     हल्का खराब      फेफडे, हृदय और अस्थमा रोगियों को सांस में तकलीफ

201-300       खराब               अधिकांश को सांस में तकलीफ

301-400       बेहद खराब         श्वसन संबंधी बीमारी

401-500       गंभीर              स्वस्थ लोगों को भी दिक्कत और रोगियों को गंभीर समस्या

कोरोना काल में प्रदेश ही नहीं देश के अधिकांश राज्यों में प्रदूषण का स्तर न्यूनतम पहुंच गया था कई किलोमीटर दूर से ही अरावली की पहाडियां दिखाई देने लगी थी और जब इंसान एक एक सांस के लिए अस्पतालों में जिंदगी की जंग लड़ रहा था तब प्रकृति उसे शुद्ध सांसें देने लगी थी. हां यह बात अलग है कि उस दौर में कोरोना के चलते एक वायरस पूरी शिद्धत से इंसान की सांस उखाड़ने में लगा था. बहरहाल अब देश दुनिया से कोरोना की विदाई हो चुकी है प्रदूषण फिर से चुनौती देने लगा है. हवा में प्रदूषण का स्तर सामान्य से खतरे के निशान से पार जाता दिखाई दे रहा है. एयर क्वालिटी इंडेक्स पर नवम्बर की शुरुआत से ही कांटा आंखे तरेरने लगा है. 

राजधानी जयपुर और कोटा से प्रदेश का सबसे शुद्ध शहर माना जाता है लेकिन पिछले एक सप्ताह में यहां भी एक्यूआई सामान्य और संतोषजनक श्रेणी से बाहर निकल खतरे के निशान के पार यानी 300 के पार जा पहुंचा है. AQI को 0 से 50 तक सामान्य और 51 से 100 तक संतोषजनक माना ताजा है. पिछले 2 महीनों में राजधानी जयपुर सहित प्रदेश के अधिकांश शहरों में अच्छी स्थिति थी. अब नवम्बर की शुरुआत के साथ ही  AQI 300 के पार जाने से प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है. अच्छी बात ये है कि बिन मौसम से बरसात से प्रदूषण का स्तर बीच बीच में कम हो जाता है इससे हालात अभी बेकाबू नहीं हुए हैं. 

हरियाणा और दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में पराली जलाए जाने से और प्रदूषण की गाइड लाइन नहीं मानने से प्रदूषण खतरनाक स्तर पर चल रहा है. आज प्रदेश में प्रदूषण सर्वाधिक स्तर पर पहुंच गया. राजधानी जयपुर में  AQI 342 तो भिवाड़ी में AQI 460 के स्तर पर था. श्री गंगानगर 410, हनुमानगढ़ 380, चूरू 365, धौलपुर 383, दौसा 356 तक पहुंच गया है. इस सप्ताह औसतन जयपुर 270, अजमेर की बात करें तो 115, पाली 112, जोधपुर 196, उदयपुर 180, कोटा 216, अलवर भी AQI 267 के पार जा चुका है. 

AQI  बढने आंखों में जलन, सांस में तकलीफ, मुंह का स्वाद खराब होना, उलटी, दस्त और खुजली की शिकायत होना आमबात है. कुल मिलाकर कहा जा सकता है दीपावली के दौरान आतिशबाजी और चहल पहल बढ़ने से प्रदूषण का स्तर भी बढ़ा आतिशबाजी से भी प्रदूषण में वृद्धी हुई इधर रबी की फसल काट रहे पंजाब, हरियाणा और एनसीआर के किसान पराली जला रहे हैं इसलिए  प्रदूषण अधिकतम स्तर पर पहुंच गया है. ऐसे में आम लोगों को सतर्कता बरतने की जरूरत है.