जयपुरः राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति डॉ धनंजय अग्रवाल की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही है. संवैधानिक पद पर होने के बावजूद घर पर मरीज देखने का फैसला लेकर पहले से चर्चाओं में चल रहे डॉ अग्रवाल की कार्यशैली पर अब राजभवन ने नाराजगी जाहिर की है. चार बार के रिमाइण्डर के बावजूद चाही गई सूचना नहीं भेजने के मामले में राजभवन ने डॉ अग्रवाल को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. साथ ही चेतावनी भी दी है कि यदि समय पर स्पष्टीकरण नहीं दिया गया तो उनके खिलाफ एक तरफा कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी.
दरअसल, राजस्थान सरकार की मंशा है कि राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय यानी RUHS के अस्पताल को एम्स की तर्ज पर रिम्स के रूप में विकसित किया जाए. इसको अमलीजामा पहनाने में सबसे अहम रोल कुलपति का है, जिसको देखते हुए राजभवन भी विवि में जल्द से जल्द नियमित कुलपति नियुक्त करना चाहता है. लेकिन राजभवन की तरफ से बार-बार रिमाइण्डर भेजने के बावजूद अभी तक विवि प्रशासन नियमित कुलपति की नियुक्ति के लिए जरूरी नामित सदस्य का नाम ही नहीं भेज रहा है. इस पूरे मामले को लेकर अब राजभवन ने बड़ी सख्ती दिखाते हुए विवि के कार्यवाहक कुलपति डॉ धनंजय अग्रवाल को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. राज्यपाल के सचिव डॉ पृथ्वी ने नोटिस में नाराजगी जाहिर करते हुए विवि के रवैये को राज्यपाल के आदेशों की उपेक्षा की श्रेणी में माना है.
RUHS के कार्यवाहक कुलपति डॉ धनंजय अग्रवाल की बढ़ सकती मुश्किलें !
विश्वविद्यालय प्रशासन ने नहीं समझी राजभवन के चार बार के रिमाइण्डर की गंभीरता
राजभवन से 7 जून 2024 को सबसे पहले मांगी थी विवि प्रशासन से नामित सदस्य की सूचना
कुलपति की नियमित नियुक्ति की प्रक्रिया के लिए जरूरी है विवि के नामित सदस्य का नाम
राजभवन से 31 जुलाई 2024 को पहला , 29 अगस्त 2024 को दूसरा, 10 अक्टूबर 2024 और
16 अक्टूबर 2024 को चौथा रिमाइण्डर भेजने के बावजूद RUHSप्रशासन करता रहा अनदेखी
ऐसे में इस अनदेखी पर राज्यपाल के सचिव डॉ पृथ्वी ने कार्यवाहक VC से किया जवाब तलब
नोटिस में ये भी सवाल उठाया गया कि विवि प्रशासन खुद के अधिनियम की ही नहीं कर रहा पालना
विवि अधिनियम के तहत हर तीन माह में प्रबन्ध बोर्ड की बैठक के आयोजन का है प्रावधान
बावजूद इसके विवि प्रशासन ने नहीं बुलाई बैठक,जिसके चलते तय नहीं हो पाया नामित सदस्य
खुद राज्यपाल के निर्देश पर सचिव ने डॉ धनंजय अग्रवाल को जारी किया कारण बताओ नोटिस
ऐसे में राजभवन की नाराजगी से कार्यवाहक कुलपति डॉ अग्रवाल की स्थाई नियुक्ति पर गहराया संकट
ये पहला मौका नहीं है, जब RUHS के कार्यवाहक कुलपति डॉ धनंजय अग्रवाल की कार्यशैली सवालों के घेरे में है. इससे पहले कार्यवाहक कुलपति डॉ अग्रवाल ने बोर्ड ऑफ डॉयरेक्टर यानी BOM की पहली ही मीटिंग में यह निर्णय लिया कि वे घर पर मरीजों से फीस लेकर निजी प्रेक्टिस कर सकते है. इस फैसले को लेकर भी कुलपति जैसे संवैधानिक पद पर बैठे डॉ अग्रवाल पूरे चिकित्सा क्षेत्र में काफी चर्चाओं में रहे.
क्या काम का दबाव को नहीं प्रशासनिक लापरवाही की वजह ?
RUHS की कार्यशैली पर राजभवन की नाराजगी से जुड़ी खबर
दरअसल, मई 2024 में डॉ धनंजय अग्रवाल को बनाया गया था कार्यवाहक वीसी
इसके साथ ही SMS मेडिकल कॉलेज में नेफ्रोलॉजिस्ट एचओडी भी है डॉ अग्रवाल
ऐसे में डॉ अग्रवाल दोपहर तक SMS और फिर RUHS में संभाल रहे प्रशासनिक काम
हालांकि,डॉ अग्रवाल दोनों जगहों पर दे रहे सेवाएं,लेकिन फिर भी अभी तक रिजल्ट का इंतजार
क्योंकि, आरयूएचएस में पिछले लम्बे समय से नहीं चल रही प्रशासनिक स्थितियां ठीक
फिर चाहे विवि व कॉलेज में स्टॉफ की शॉर्टेज या फिर नई भर्तियों को लेकर फंसा पेंच
इस बीच,एम्स की तर्ज पर RIMS की भी स्थापना का RUHS को मिला एक नया टॉस्क
फर्स्ट इंडिया ने प्रमुखता से उठाया था विश्वविद्यालय में स्थाई कुलपति की नियुक्ति का मुद्दा
ऐसे में अब राजभवन के नोटिस के बाद उम्मीद ये कि जल्द ही विवि को मिलेगा स्थाई वीसी