Rajasthan Congress: कांग्रेस में युवा को टिकट की वकालत, आयु के लिहाज से वरिष्ठ नेताओं में गिने जा रहे ये नाम; रंधावा बोले- अपने आप करें टिकट का त्याग

जयपुर: राजस्थान की कांग्रेस में अब अधिक आयु वाले नेता खुद ही अपने टिकट की जगह युवा चेहरे को आगे लाने की वकालत में जुट गए. आज प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा के सामने सांगोद विधायक भरत सिंह ने युवा नेतृत्व की वकालत की हालांकि ये भी कहा कि पुराने नेताओं की प्रासंगिकता बनी रहे. भरत सिंह के बयान पर सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा की बड़ी उम्र वालों को तो अपने आप ही त्याग कर देना चाहिए, कहने की तो जरूरत ही नहीं पड़नी चाहिए. बहरहाल, भरत सिंह का फॉर्मूला माना गया तो एक दर्जन से अधिक मौजूदा विधायकों के टिकट कट सकते है इनमें 70 और 60 से ऊपर की आयु सीमा के नेता है.

उदयपुर में हुए कांग्रेस के नव संकल्प शिविर में निर्णय किया गया था 50 वर्ष से कम आयु के नेताओं को 50 फीसदी टिकट मिले. अब राजस्थान में अधिक आयु के विधायक खुद आगे आकर युवा को टिकट देने या यूं कहे आगे लाने की वकालत करे. वरिष्ठ कांग्रेस नेता और विधायक भरत सिंह ने फीडबैक बैठक के दौरान युवा चेहरों को टिकट देने में वरीयता से संबंधित बात कही.

बहरहाल, भरत सिंह के सुझाए फार्मूले का अर्थ साफ है चुनावों में युवा वोट बैंक के मद्देनजर युवा लीडरशिप पर फोकस. चुनावी साल में भरत सिंह की बात का महत्व है. राजस्थान में इसका व्यापक असर हो सकता है. आयु सीमा के फेर में दर्जन भर से अधिक सीनियर नेता टिकट की रेस से बाहर हो सकते है. ये जरूर है कि 50 फीसदी टिकट सीनियर्स को मिलेंगे. इनमें भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, UDH मंत्री शांति धारीवाल, विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी, शिक्षा मंत्री डॉ बीडी कल्ला सरीखे नेता अपवाद हो सकते हैं. सरदारपुरा से विधायक अशोक गहलोत के लिए आयु सीमा मायने नहीं रखती है. उनके चुनाव लडने से संदेश जाता है जिस सीट से वो चुनाव लड़ते है वो सीट केवल अशोक गहलोत के कारण ही कांग्रेस का गढ़ कही जाती है. UDH मंत्री शांति धारीवाल भी आयु के इस दौर में भी कोटा के सबसे बड़े कांग्रेस चेहरे हैं.

आयु के लिहाज से वरिष्ठ नेताओं में फिलहाल जो गिने जा रहे उनमें...

- लालसोट से कांग्रेस विधायक और चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा

- गुढ़ामालानी से विधायक और कैबिनेट मंत्री हेमाराम चौधरी

- सांचौर से विधायक और  राज्य मंत्री सुखराम विश्नोई

- झुंझुनूं से विधायक और मंत्री बृजेंद्र ओला

- खेरवाड़ा से विधायक दयाराम परमार

- श्रीमाधोपुर विधायक और पूर्व स्पीकर दीपेंद्र सिंह शेखावत

- धोद विधायक और पीसीसी के पूर्व कार्यकारी परसराम मोरदिया

- किशनगढ़ बास के विधायक दीपचंद खेरिया 

- सीकर से विधायक राजेंद्र पारीक

- पीपल्दा से विधायक रामनारायण मीणा

- शिव से विधायक अमीन खान

- हिंडौन से विधायक भरोसी लाल जाटव

- सहाडा से विधायक गायत्री देवी

- राजगढ़ से विधायक जौहरी लाल मीणा

- सांगोद से विधायक भरत सिंह कुंदनपुर

उधर कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर रंधावा ने भरत सिंह के बयानों पर कहा कि बड़ी उम्र वालों को तो अपने आप ही टिकट का त्याग कर देना चाहिए, कहने की तो जरूरत ही नहीं पड़नी चाहिए. कट ऑफ एज पॉलिटिक्स में नहीं हो सकती. यूथ को हमारी पार्टी साथ लेकर चलती है. धीरे–धीरे उनको आगे भी करती है.

 

वैसे तो चुनावों में टिकट देने का एक ही नियम होता है और वो है जिताऊ. इतने पर भी कांग्रेस में दिग्गजों के कई बार टिकट कटे है और इसके लिए एंटनी कमेटी समय विभिन्न फॉर्मूलों का सहारा लिया गया. below 50 का नियम कांग्रेस के 'नव संकल्प' घोषणा का हिस्सा हैं, वक्त के गर्भ में है कि राजस्थान कांग्रेस में किसे कहां तक लागू किया जाएगा.