जयपुर: वर्ष 2008 का इतिहास दोहराते हुए कांग्रेस ने इस बार भी विधानसभा चुनाव अभियान के श्री गणेश के लिए बारां की धरती को चुना है. आज की सभा से मंत्री प्रमोद भाया की सियासी पकड़ एक बार फिर परखी जाएगी तो कांग्रेस ईआरसीपी योजना से जुड़े जिलों की 83 सीटों पर इतिहास दोहराने के अपने मंसूबों का भी लिटमस टेस्ट कर लेगी. बारां में प्रमोद भाया कांग्रेस की अब तक की सबसे बड़ी सभा कर चुके हैं. ऐसे में आज वे बड़ी भीड़ जुटाने में कामयाब हुए तो उन्हें हाडौती में कुछ सीटों पर दखल की मौन सहमति मिल जाएगी.
- बारां की धरती से ईआरसीपी जिलों की 83 सीट साधने की जुगत
- आज ईआरसीपी से जुड़े 13 जिलों के लिए कांग्रेस शुरू करेगी यात्रा
- पिछली बार इन 83 में से 49 सीटों पर था कांग्रेस का कब्जा
- भाजपा के खाते में गई थी 25 सीट, 8 पर निर्दलीय जीते थे और एक पर रालोद
- 9 जिलों में कांग्रेस को मिली थी बढ़त तो तीन जिलों में भाजपा और एक में बराबरी पर थी दोनों पार्टी
- गहलोत मंत्रिमंडल के 16 सदस्य इन 13 जिलों का ही करते हैं प्रतिनिधित्व
- राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त दो बोर्ड अध्यक्ष और तीन मुख्यमंत्री सलाहकार भी इन जिलों से
- ऐसे में रिपीट गवर्नमेंट की मंशा रखने वाली कांग्रेस के लिए ये 83 सीट महत्वपूर्ण
- पार्टी के सर्वे में जीती हुई 49 सीटों में से 50 फ़ीसदी का रिपोर्ट कार्ड सही नहीं
- ऐसे में कल की सभा से तय होगी कांग्रेस के चुनावी अभियान की दिशा और दशा
- कल जुटने वाली भीड़ और भीड़ के रिस्पॉन्स से चुनावी बयार के रुख का चलेगा पता
- मजबूत भाया से ओपनिंग करा कांग्रेस ठोस शुरुआत को तैयार
- पिछले चुनाव में हाड़ौती के चार जिलों में 17 में से कांग्रेस को मिली थी महज 7 सीट जबकि भाजपा के खाते में गई थी 10 सीट
- लेकिन बारां में तीन-एक से आगे रही थी कांग्रेस
- भाया खुद के साथ पानाचंद और निर्मला सहरिया को भी जीत दिलाने में रहे थे कामयाब
- जबकि कोटा में दोनों पार्टी तीन-तीन से रही थी बराबर
- झालावाड़ में 0-4 से कांग्रेस का हो गया था सूपड़ा साफ
- बूंदी में भी कांग्रेस एक के मुकाबले दो सीट से भाजपा से पिछड़ी थी
- भाया पार्टी की सबसे बड़ी जनसभाएं, भारत जोड़ो यात्रा की सफलता से दिखा चुके सियासी पकड़
कांग्रेस आज बारां से अपने चुनावी अभियान की शुरुआत करने जा रही है. शानदार शुरुआत के लिए पार्टी ने अपने भरोसेमंद क्षत्रप प्रमोद भाया की सियासी जमीन बारां को चुना है. दरअसल, भाया भारत जोड़ो यात्रा के प्रदेश में प्रवेशोत्सव को भव्य बना चुके हैं. मुख्यमंत्री की प्रदेश के सबसे बड़ी सभा करा चुके हैं. यही नहीं राजकोट में भी राहुल गांधी की सभा को भव्यता देने में भाया ने शानदार काम किया था. यही कारण है कि ईआरसीपी जिलों की 83 सीटों को साधने के लिए कांग्रेस ने भाया और बारां को चुना. कहते हैं 'वैल बिगिन इज हाफ डन'...इसलिए कांग्रेस की चुनावी बयार को गति देने की जिम्मेदारी प्रमोद भाया को दी गई है.
पिछली बार इन 83 में से 49 सीटों पर कांग्रेस का कब्जा था:
प्रमोद जैन भाया और उनकी टीम पूरी शिद्दत से इस शुरुआती सभा को भव्य बनाने में जुटी है. दरअसल, पिछली बार इन 83 में से 49 सीटों पर कांग्रेस का कब्जा था. भाजपा के खाते में 25 सीट गई थी, 8 पर निर्दलीय जीते थे और एक पर रालोद ने कब्जा जमाया था. ईआरसीपी के 13 में से 9 जिलों में कांग्रेस को बढ़त मिली थी जबकि तीन जिलों में भाजपा और कोटा में दोनों पार्टी बराबरी पर थी. गहलोत मंत्रिमंडल के 16 सदस्य इन 13 जिलों का ही प्रतिनिधित्व करते हैं. राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त दो बोर्ड अध्यक्ष और तीन मुख्यमंत्री सलाहकार भी इन जिलों से हैं.
कांग्रेस के लिए ये 83 सीट महत्वपूर्ण:
ऐसे में रिपीट गवर्नमेंट की मंशा रखने वाली कांग्रेस के लिए ये 83 सीट महत्वपूर्ण हैं. पार्टी के सर्वे में जीती हुई 49 सीटों में से 50 फ़ीसदी का रिपोर्ट कार्ड सही नहीं है. ऐसे में कांग्रेस ने इन जिलों में यात्रा निकलने का फैसला किया. ऐसे में कल की सभा से कांग्रेस के चुनावी अभियान की दिशा और दशा तय होगी. कल जुटने वाली भीड़ और भीड़ के रिस्पॉन्स से चुनावी बयार के रुख का भी पता चलेगा. आज की सभा में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, मंत्री प्रमोद जैन भाया सहित कांग्रेस के केंद्रीय व राज्य इकाई के पदाधिकारी और सैकड़ो की तादाद में कार्यकर्ता मौजूद रहेंगे.