जयपुर: राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए निर्वाचन विभाग की तैयारियां अब नेक्स्ट लेवल पर पहुंच गई हैं. इसके तहत जहां प्रत्याशियों के बढ़ने की संभावना के मद्देनजर अतिरिक्त EVM और BU के रेण्डमाईजेशन की प्रक्रिया शुरू हो गई है, तो वहीं एप के जरिए पुलिस के भी रेण्डमाईजेशन की व्यवस्था की गई है. विधानसभा चुनाव में इस बार निर्वाचन विभाग ने खासे नवाचार किए हैं. इसके लिए सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी एक एप विकसित किया है. पुलिस बल के रेण्डमाईजेशन को लेकर एक एप विकसित किया.
इसमें अर्द्ध सैन्य बल की कितनी कंपनियों की उपलब्धता है, कितनी मिलेंगी और कितनों ने मोर्चा संभाला है, इसका डाटा अपडेशन होगा. एप से इन बलों, पुलिस बलों और अन्य सुरक्षा एजेंसियों को कहां तैनात करना है, यह तय करके रियल टाइम मॉनिटरिंग हो सकेगी. पोलिंग पार्टियों के रेण्डमाईजेशन के साथ पुलिस बल का रेण्डमाईजेशन किया गया. बूथ पर जानेवाले पुलिसकर्मियों का भी रेण्डमाईजेशन होगा. इस रेण्डमाईजेशन की ट्रेनिंग भी हुई. ITBP के कुछ कमांडो ने मोर्चा संभाला और फ्लैग मार्च भी किया. RAC, CRPF, BSF, सीआईएसएफ की टुकड़ियां मोर्चा संभाल सकती हैं.
उधर निर्वाचन विभाग यह मान रहा है कि कुछ विधानसभा क्षेत्रों में प्रत्याशियों की संख्या 32,43 या एक EVM, BU की तय संख्या से ज्यादा हो सकती है. 32 या 46 प्रत्याशियों की संभावना के मद्देनजर अतिरिक्त EVM और BU का फर्स्ट लेवल चेक यानि FLC हुई. अब 2-3 नवंबर को फिर रेण्डमाईजेशन होगा. हर विधानसभा में कितनी EVM होगी, इसका निर्धारण होकर राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के सामने आवंटन किया जाएगा. मतदाता सूची बनने और प्रत्याशियों की नामांकन वापसी के बाद मत पत्र या बैलट पेपर प्रकाशित करवाए जाएंगे.
प्रत्याशियों के नामांकन वापस लेने के बाद ETPBS भेजी जाएगी. EVM की सीलिंग 14-19 नवंबर के बीच होगी. इसी दौरान पोलिंग की दूसरी ट्रेनिंग भी होगी. 14 से 21 नवंबर तक अस्सी साल से ज्यादा के सीनियर सिटीजन और दिव्यांगजनों को होम वोटिंग की सुविधा दी जाएगी. इसके बाद ऐसे मतदाताओं को दूसरा मौका भी दिया जाएगा. इस बार 50 प्रतिशत मतदान केंद्रों में वेबकास्टिंग के जरिए सीधी निगरानी रखी जा रही है ताकि अप्रिय घटनाओं को रोका जा सके.