जयपुर: रबी सीजन में इस वर्ष फसलों का रकबा 3 लाख हैक्टेयर बढ़ने का अनुमान है. अच्छी बारिश और बेहतर बाजार भाव के चलते सरसों की बुवाई अधिक होगी. कृषि विभाग के सर्वेक्षण के मुताबिक सरसों की बुवाई ही सर्वाधिक रहेगी. प्रदेश में करीब 38 लाख हैक्टेयर क्षेत्रफल में सरसों बोई जाएगी. किस तरह रह सकता है इस वर्ष रबी सीजन साथ ही कृषि विभाग की क्या हैं तैयारियां..
अक्टूबर के पहले सप्ताह से रबी सीजन की फसलों की बुवाई शुरू हो चुकी है. पिछले कुछ दिनों में अब तक सरसों, चना सहित कुछ फसलों की बुवाई की गई है. पूर्वी राजस्थान के अधिकांश क्षेत्रों में सरसों की बुवाई का कार्य आधे से ज्यादा पूरा हो चुका है. जबकि दक्षिणी राजस्थान और उत्तरी राजस्थान के हिस्सों में अभी रबी फसलों की बुवाई शुरू की जा रही है. इस बार अक्टूबर माह के पहले पखवाड़े तक हुई अच्छी बारिश से फसलों की बुवाई भी बढ़ेगी.
कृषि विभाग के आंकड़ों में बुवाई 115 लाख हैक्टेयर होना संभावित है. आपको बता दें कि पिछले वर्ष 112 लाख हैक्टेयर क्षेत्रफल में फसलों की बुवाई हुई थी. इस वर्ष यह आंकड़ा 3 लाख हैक्टेयर बढ़कर 115 लाख हैक्टेयर होना संभावित है. इनमें सरसों और चने का रकबा बढ़ना संभावित है. कृषि विभाग ने इसे देखते हुए किसानों को सरसों और अन्य फसलों के बीज भी नि:शुल्क मुहैया कराए हैं. सरसों के करीब सवा 7 लाख मिनी किट का वितरण किसानों को करवाया जा चुका है. हालांकि रबी सीजन का रकबा खरीफ फसलों की तुलना में कम है. खरीफ में इस बार 164 लाख हैक्टेयर क्षेत्रफल में बुवाई हुई थी.
जानिए किस फसल की कितनी हो सकती बुवाई:-
- गेहूं का रकबा 31.80 लाख हैक्टेयर होने की उम्मीद
- इसमें अब तक 60 हजार हैक्टेयर क्षेत्रफल में हुई गेहूं की बुवाई
- सरसों का रकबा 38.3 लाख हैक्टेयर संभव
- इसमें अब तक 13.62 लाख हैक्टेयर में बुवाई हुई, 36 फीसदी पूरी
- 22 लाख हैक्टेयर क्षेत्रफल में चना की बुवाई संभव
- अब तक 3.82 लाख हैक्टेयर में हुई चना बुवाई, 18 फीसदी पूरी
- 3.10 लाख हैक्टेयर में जौ की बुवाई संभावित, इसमें 12600 हैक्टेयर में हुई पूरी
- 3 लाख हैक्टेयर में तारामीरा की बुवाई संभावित, इसमें 31 हैक्टेयर में हुई बुवाई
रबी फसलों के लिए किसानों की मांग के अनुरूप उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए कृषि विभाग प्रयासरत है. अक्टूबर माह में अब तक 1.67 लाख मैट्रिक टन यूरिया और 1.09 लाख मैट्रिक टन डीएपी की आपूर्ति हो चुकी है. कृषि विभाग ने केन्द्र सरकार से रबी सीजन की फसलों के लिए प्रदेश को 4.5 लाख मैट्रिक टन डीएपी और 14.50 लाख मैट्रिक टन यूरिया स्वीकृत करवाया है. कृषि आयुक्त काना राम ने बताया कि डीएपी और यूरिया की कहीं भी कमी नहीं है. जरूरत के मुताबिक किसानों को प्रत्येक जिले में यूरिया और डीएपी की रैक उपलब्ध करवाई जा रही हैं.
यूरिया-डीएपी की कितनी उपलब्धता ?
- वर्तमान में प्रदेश में 1.31 लाख मैट्रिक टन यूरिया उपलब्ध
- किसानों के लिए 56 हजार मैट्रिक टन डीएपी उपलब्ध
- इस माह के अंत तक 4.50 लाख मैट्रिक टन यूरिया मिलेगा
- इसी माह 2 लाख टन डीएपी मिलना भी है प्रस्तावित
- अब तक 1.67 लाख मैट्रिक टन यूरिया और 1.09 लाख मैट्रिक टन डीएपी मिल चुका
- उर्वरक कालाबाजारी रोकने के लिए कृषि विभाग ने सख्ती की
- अब तक 23 दुकानों में बिक्री रोकी, 11 जब्ती, 10 लाइसेंस निलंबन
- 1 लाइसेंस निरस्त, 7 एफआईआर एवं 77 पर अन्य कार्यवाही की गई
कृषि विभाग की तरफ से किसानों के लिए पर्याप्त खाद-बीज उपलब्ध कराए जा रहे हैं. कृषि मंत्री लालचंद कटारिया के निर्देशन में कृषि विभाग के अफसर किसानों के हित के लिए लगातार प्रयासरत हैं. ऐसे में इस वर्ष फसलों का रकबा 3 लाख हैक्टेयर बढ़ने की संभावना पूरी होने की उम्मीद है. खास बात यह भी है कि पिछले साल की तुलना में अब तक हुई बुवाई काफी अधिक रही है, ऐसे में पूरे प्रदेश में फसल बुवाई समय पर ही पूरी होने की उम्मीद रहेगी.