जयपुर: इसे राजनीतिक इतिहास ही कहा जा सकता है. राजस्थान के मुख्यमंत्री के तौर पर अशोक गहलोत ने 13वां गणतंत्र दिवस मनाया. उन्होंने जयपुर के बड़ी चौपड़ पर आज 13 वीं बार तिरंगा फहराया. गहलोत से अधिक बार केवल मोहन लाल सुखाडया ही राज्य के सीएम रहे हैं. दो कार्यकाल में करीब 11 साल वसुंधरा राजे ने स्वाधीनता और गणतंत्र दिवस पर तिरंगा फहराया है.
राजस्थान की सियासत का ये संयोग ही कहा जाएगा कि पिछले 24 सालों से राजस्थान की सर जमी पर मुख्यमंत्री के तौर पर अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे ही गणतंत्र दिवस पर झंडा फहराते नजर आए हैं. राजस्थान का बड़ी चौपड़ इसका गवाह भी बना है. 24 सालों का अर्थ है 13 बार गहलोत और 11 बार वसुंधरा राजे. अशोक गहलोत सरकार राज्य में तीसरी बार बनी है, अभी उनकी सरकार के तीन साल हो चुके. वसुंधरा राजे दो बार राज्य की अलग-अलग समय मुख्यमंत्री रह चुकी.
राज्य में गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार:-
- पहला कार्यकाल 1998 से 2003
- दूसरा कार्यकाल 2008 से 2013
- तीसरा कार्यकाल 2018 से अब तक जारी
राज्य में वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार:-
- पहला कार्यकाल 2003 से 2008
- दूसरा कार्यकाल 2013 से 2018
राज्य की सियासत में जयपुर के दिल में बसे बड़ी चौपड़ पर गणतंत्र दिवस और स्वाधीनता दिवस मनाने की अपनी महिमा है. सालों से यहां राज्य के मुख्यमंत्री ही झंडारोहण करते आ रहे. बिना किसी सियासी भेदभाव के पिछले कई सालों से यह परंपरा निभाई जा रही है. जयपुर की गंगा जमुनी तहजीब देश की आजादी के पर्व पर सियासी सद्भाव में नजर आती है. दो दलित परंपरा ही खासियत अब तक रही है. लेकिन सबसे खास है इतने सालों में दो नेता ऐसे हुए जिन्होंने लगातार अपनी अपनी सरकार में बिना किसी अवरोध के तिरंगा फहराने का इतिहास रचा है. सबसे अधिक बार राजस्थान में सीएम रहने का रिकॉर्ड मोहन लाल सुखाडिया के नाम है कहा जाता है कि बड़ी चौपड़ पर झंडारोहण की परंपरा उन्होंने ही शुरू की थी, भैरों सिंह शेखावत ने इस परंपरा में चार चांद लगाने का काम किया. आज अपने अतीत के शानदार नेताओं की परंपरा को अशोक गहलोत आगे बड़ा रहे हैं.
...फर्स्ट इंडिया के लिए योगेश शर्मा की रिपोर्ट