जयपुर। राजस्थान में 15वीं विधानसभा के पहले सत्र के दूसरे चरण की कार्यवाही में आज पहले दिन प्रश्नकाल के बाद दो संशोधन विधेयक पारित किए गए हैं। इनमें राजस्थान पंचायती राज संशोधन विधेयक-2019 और राजस्थान नगर पालिका संशोधन विधेयक-2019 हैं, जिन्हें आज विधानसभा में पारित किया गया है। सदन की कार्यवाही में आज प्रश्नकाल के बाद उपमुख्यमंत्री एवं पीसीसी चीफ सचिन पायलट ने राजस्थान पंचायती राज संशोधन विधेयक-2019 और यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने राजस्थान नगर पालिका संशोधन विधेयक-2019 को सदन के पटल पर रखा।
आज सुबह से शुरू हुए राजस्थान में 15वीं विधानसभा के पहले सत्र के दूसरा चरण में सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद सबसे पहले शोकाभिव्यक्ति की गई, जिसके बाद रामगढ़ से चुनी गई कांग्रेस विधायक सफिया खान को शपथ दिलाई गई। इसके बाद प्रश्नकाल की कार्यवाही शुरू हुई। प्रश्नकाल में महाराणा प्रताप के स्मृति स्थलों पर विकास की कार्ययोजना को लेकर सवाल उठाया गया, वहीं किसान कर्जमाफी, मिड डे मील योजना और गुर्जर आरक्षण आंदोलन से जुड़े सवाल उठाए गए।
प्रश्नकाल के बाद सचिन पायलट की ओर से राजस्थान पंचायती राज संशोधन विधेयक-2019 और राजस्थान नगर पालिका संशोधन विधेयक-2019 को सदन के पटल पर रखा गया। पायलट ने कहा कि BJP के कार्यकाल में 27 विधायक 10वीं पास भी नहीं थे और जिन सरपंचों को राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री कर सम्मानित चुके हैं, उन सरपंचों को भी रातों-रात अयोग्य घोषित कर दिया था। ऐसे में सदन में इस संशोधन पर चर्चा होनी चाहिए, इसके बाद कानून लागू किया जा चाहिए।
पायलट ने कहा कि जिसके दो से ज्यादा संतान हों, उसे चुनाव नहीं लड़ने देना चाहिए, इस सुझाव के बारे में सकारात्मक विचार किया जाएगा। लेकिन अभी इस संशोधन की दरकार थी, इसलिए इस बिल को पास किया जाए। भाजपा से अपेक्षा थी कि जो सुधार का बिल लेकर आए, उस पर वह चर्चा करते लेकिन ऐसा नहीं किया। इसके बाद चली पूरी चर्चा के बाद दोनों संशोधन विधेयकों को विधानसभा में पारित किया गया। इसके साथ ही सदन की कार्यवाही को बुधवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।