Rajasthan Politics: क्या कांग्रेस को वर्कर नहीं 'वंश' पसंद है ? एक नजर वंशवाद की बेल फैलाने वाले नेताओं पर...

बीकानेर: शुक्रवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में चुनावी रणनीति को लेकर युवा कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने परिवारवाद पर लेकर तंज कसा. उन्होंने कहा कि अगर बड़े नेता अपने बेटे-बेटी को आगे करेंगे तो फ्रंटलाइन वर्करों का क्या होगा, फिर कार्यकर्ता पार्टी के लिए क्यों काम करेंगे और क्यों मजबूत करेंगे? उन्होंने कहा कि  मेरे पिता ने पद पर रहते हुए मुझे कभी भी आगे नहीं किया. वहीं मैंने अभी तक अपने बेटे को राजनीति में आगे नहीं बढ़ाया है. 

ऐसे में आइए हम इस रिपोर्ट के माध्यम से वंशवाद की बेल फैलाने वाले नेताओं पर एक नजर डालते हैं. सबसे पहले बात करते हैं कैबिनेट मेंत्री महेंद्रजीत मालवीय की तो उनके अलावा उनकी पत्नी जिला प्रमुख व बेटा उप प्रधान है. वहीं कैंपेन कमेटी के चेयरमैन और मंत्री गोविंद मेघवाल की पत्नी जिला परिषद सदस्य है. इसके साथ ही बेटा प्रधान और बेटी भी जिला परिषद सदस्य है और यहां तक कि सास भी पंचायत समिति सदस्य है. 

    

इसके साथ ही कई विधायकों के पुत्र, भाई और पतियों को बोर्ड मेंबर और अध्यक्ष बनाया गया है. मंत्री सालेह मोहम्मद के भाई अमरदीन पंचायत समिति के चुनाव हारे. वहीं एक भाई जिला परिषद सदस्य और अन्य एक भाई की पत्नी जिला परिषद सदस्य है. जैसलमेर विधायक रूपाराम की बेटी और बेटा जिला परिषद सदस्य है. 

मंत्री जाहिदा खान के बेटा-बेटी दोनों ही प्रधान:
विधायक साफिया खान के पति और पूर्व विधायक जुबेर खान मेवात बोर्ड अध्यक्ष हैं. बहरोड़ निर्दलीय विधायक बलजीत यादव का भाई अनाज मंडी का अध्यक्ष हा. मंत्री भजनलाल की पुत्र वधू प्रधान, विधायक जोगिंदर अवाना का बेटा प्रधान है. वहीं विधायक और मंत्री जाहिदा खान के बेटा-बेटी दोनों ही प्रधान है. इसके साथ ही मंत्री अर्जुन बामनिया के पुत्र उप जिला प्रमुख है. वहीं प्रतापगढ़ विधायक रामलाल की पत्नी जिला प्रमुख है. खंडेला विधायक महादेव सिंह का बेटा भी प्रधान है.