Palace On Wheels: क्यूब कंस्ट्रक्शन इंजीनियरिंग लिमिटेड की हुई पैलेस ऑन व्हील्स ! 5 वर्ष के लिए हुआ करार

Palace On Wheels: क्यूब कंस्ट्रक्शन इंजीनियरिंग लिमिटेड की हुई पैलेस ऑन व्हील्स ! 5 वर्ष के लिए हुआ करार

जयपुर: आखिर लंबी जद्दोजहद के बाद पैलेस ऑन व्हील्स को 5 वर्ष के लिए निजी कंपनी को दे दिया गया है. सितंबर में शुरू होने वाले सत्र में शाही ट्रेन पैलेस ऑन व्हील्स को अब क्यूब कंस्ट्रक्शन कंपनी O&M आधार पर संचालित करेगी. इसके लिए क्यूब कंस्ट्रक्शन और पर्यटन निगम के बीच करार पर हस्ताक्षर किए गए हैं. 

क्यूब कंस्ट्रक्शन इंजीनियरिंग लिमिटेड की हुई पैलेस ऑन व्हील्स !
- पर्यटन निगम और क्यूब कंस्ट्रक्शन इंजीनियरिंग लिमिटेड के बीच हुआ करार
- O&M आधार पर 5 वर्ष के लिए हुआ करार
- क्यूब कंस्ट्रक्शन इंजीनियरिंग लिमिटेड अब इजी टोल सॉल्यूशंस के साथ मिलकर चलाएगा शाही ट्रेन
- 28 जून को हुआ पर्यटन निगम और क्यूब कंस्ट्रक्शन के बीच करार
- सितंबर से शुरू होने वाले अगले सत्र से अब क्यूब कंस्ट्रक्शन करेगा पैलेस ऑन व्हील्स का संचालन
- पर्यटन निगम अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ के प्रयासों से ओ एंड एम आधार पर हुआ अनुबंध
- 78 पृष्ठ के अनुबंध में विभिन्न नियम एवं शर्तें लागू

शाही गाड़ी पैलेस ऑन व्हील्स के o&m आधार पर संचालन के लिए पर्यटन निगम ने लंबी कवायद की थी. पिछले दिनों शाही ट्रेन के संचालन के लिए निजी कंपनियों से प्रस्ताव मांगे गए थे जिसमें चार कंपनियां प्रतिस्पर्धा में उतरी थी. आखिर वडोदरा की क्यूब कंस्ट्रक्शन इंजीनियरिंग लिमिटेड को शाही ट्रेन के संचालन अधिकार प्राप्त करने में सफलता मिली है. पर्यटन निगम और क्यूब कंस्ट्रक्शन के बीच बीते 28 जून को शाही ट्रेन के संचालन को लेकर करार पर हस्ताक्षर किए गए 5 वर्ष के इस अनुबंध के तहत अब चक्यूब कंस्ट्रक्शंस लिमिटेड इजी टोल सॉल्यूशंस के साथ मिलकर चाही ट्रेन का संचालन करेगी. 

पैलेस ऑन व्हील्स का निजी हाथों में जाना पहले ही तय हो गया था:
दरअसल, पैलेस ऑन व्हील्स का निजी हाथों में जाना पहले ही तय हो गया था. कोरोना की चपेट में आकर दो वर्ष तक रेलवे यार्ड में खड़ी रही पैलेस ऑन व्हील्स का चलाना पर्यटन निगम के लिए असंभव हो गया था. पर्यटन निगम प्रबंधन पर रेलवे और अन्य एजेंसियों की देनदारी बढ़ गई थी और विपरीत आर्थिक हालात में शाही ट्रेन को दोबारा चलाना मुश्किल दिख रहा था. 

राठौड़ ने शाही ट्रेन के संचालन को लेकर पूरी ताकत झोंक दी:
इसी दौरान धर्मेंद्र राठौड़ ने पर्यटन निगम के अध्यक्ष का कार्यभार संभाला और सबसे पहले पैलेस ऑन व्हील्स के संचालन पर फोकस किया. लोकसभा अध्यक्ष, रेल मंत्री, सांसद और विभिन्न अधिकारियों से मिले और शाही ट्रेन के संचालन को लेकर पूरी ताकत झोंक दी. आखिर रेलवे संचालन को तैयार हुआ, पुरानी देनदारियों को चुकाने के लिए फार्मूले तैयार कर लिए गए. राज्य कैबिनेट से शाही ट्रेन के पर्यटन निगम स्तर पर संचालन की विशेष अनुमति भी ली. 

पूरे एक सत्र शाही ट्रेन को चलाया भी और मुनाफा भी कमाया:
शाही ट्रेन के ओ एंड एम आधार पर संचालन के लिए भी बोर्ड और सरकार से अनुमति ली. पूरे एक सत्र शाही ट्रेन को चलाया भी और मुनाफा भी कमाया. इसके बाद पैलेस ऑन व्हील्स के संचालन के लिए निजी कंपनियों से ओ एंड एम आधार पर एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट यानी ईओआई मांगी गई. पर्यटन निगम के प्रस्ताव पर चार कंपनियों ने रुचि दिखाई इनमें जयपुर की शिव विलास रिसॉर्ट प्राइवेट लिमिटेड सहित चार कंपनियों ने रुचि दिखाई. अन्य तीन कंपनियों में एबिक्स ट्रेवल्स प्राइवेट कंपनी लिमिटेड, नई दिल्ली, पिक्काडिली होटल्स प्राइवेट लिमिटेड और वडोदरा की क्यूब कंस्ट्रक्शन इंजीनियरिंग लिमिटेड ने ईओआई दाखिल की थी. 

राजस्व शेयरिंग को लेकर सबसे ज्यादा बड़ी बिड दाखिल की थी:
इसके बाद क्यूब कंस्ट्रक्शन स्नेह 18 फ़ीसदी से ज्यादा राजस्व शेयरिंग को लेकर सबसे ज्यादा बड़ी बिड दाखिल की थी. उसके बाद पर्यटन निगम ने कंपनी के साथ पिछले 28 जून को शाही ट्रेन के संचालन को लेकर अनुबंध पर हस्ताक्षर किए. अब सितंबर से शुरू होने वाले शाही ट्रेन के नए सत्र में पैलेस ऑन व्हील्स के संचालन को लेकर करार के मुताबिक क्यूब कंस्ट्रक्शन ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है.