जयपुर : प्रदेश में पर्यटन और व्यापार को बढ़ावा देने के लिए सड़क कनेक्टिविटी बेहद अहम है. अब राजस्थान देश का ऐसा पहला राज्य बनने जा रहा है जो खुद के स्तर पर 8 नए ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे बनाएगा. उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने इसके लिए डीपीआर तैयार के लिए 30 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की है. नए एक्सप्रेस वे से मार्बल, सीमेंट और अन्य खनिज, कपड़ा उद्योग, पर्यटन और सामरिक महत्व को ध्यान में रखा गया है.
ये होंगे प्रदेश में नए 8 ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे
एक्सप्रेस वे लम्बाई (किमी)
कोटपूतली - किशनगढ़ 181
जयपुर - भीलवाडा 193
बीकानेर - कोटपूतली 295
ब्यावर - भरतपुर 342
जालौर - झालावाड़ 402
अजमेर - बांसवाड़ा 358
जयपुर - फलौदी 345
श्रीगंगानगर - कोटपूतली 290
कुल 2406
राजस्थान देश के उन चुनिंदा राज्यों में शामिल है जहां प्रति वर्ष 20 करोड़ से ज्यादा पर्यटक आते हैं. देश के कुल सीमेंट उत्पादन का 70 फीसदी से ज्यादा राजस्थान में होता है. मेजर मिनरल के सर्वाधिक खनिज ब्लॉक राजस्थान में नीलाम हुए हैं. कपड़ा उद्योग में राजस्थान का खास दर्जा है और राजस्थान के मार्बल और सैंडस्टोन की दुनियाभर में मांग है. कृषि उपज में हर साल वृद्धि और फसल का उचित मूल्य राजस्थान मुहैया कराता है. यही कारण है कि अब राजस्थान खुदके एक्सप्रेस वे बनाने जा रहा है ताकि बेहतर रोड नेटवर्क और पर्यटन व औद्योगिक महत्व के शहरों को एक्सप्रेस वे कनेक्टिविटी देकर पर्यटन और उद्योग को नई ऊंचाइयों तक ले जाया जा सके. उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने बजट में प्रदेश में 9 एक्सप्रेस वे बनाने की घोषणा की थी.
अब बजट घोषणा के क्रियान्वयन के लिए 8 ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे की डीपीआर के लिए 30 करोड़ रुपए स्वीकृत भी कर दिए हैं. उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने प्रस्तावित 2406 किमी. के 8 नये ग्रीनफिल्ड एक्सप्रेस वे निर्माण की डीपीआर की स्वीकृति जारी कर दी है. उपमुख्यमंत्री ने बताया कि बजट घोषणा 2024-2025 के क्रियान्वयन में प्रदेश में 8 नये ग्रीनफिल्ड एक्सप्रेस वे चरणबद्ध रूप से बनाये जाने है. उपमुख्यमंत्री ने कहा है कि इन एक्सप्रेस वे के निर्माण से प्रदेश के आर्थिक विकास को पंख लगेगें.
तेज और सीधी कनेक्टिविटी स्थापित होने से प्रदेश में निवेश को बढ़ावा मिलेगा और औद्योगिक विकास के नये अवसर सृजित होगे. इससे प्रदेश के कृषकों की पहुंच सीधी बडे बाजारों तक स्थापित होगी जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी. एक्सप्रेस वे से पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों की आवाजाही बढ़ेगी जिससे भी रोजगार के नये अवसर सृजित होंगे तथा राजस्व में वृद्धि होगी. दरअसल ये 8 एक्सप्रेस वे प्रदेश के विकास की 8 लाइफ लाइन साबित होंगे.
इनमें से 3 कोटपूतली और 2 जयपुर से होकर गुजरेंगे. कोटपूतली को किशनगढ़, बीकानेर और गंगानगर से सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी. यानी दिल्ली देर नहीं रहेगी. भीलवाड़ा और फलौदी को जयपुर से कनेक्टिविटी मिलेगी. ब्यावर, भरतपुर से और जालौर सीधे झालावाड़ से जुड़ जाएगा. अजमेर और बांसवाड़ा सीधे कनेक्ट होंगे. मतलब विकास की नई गंगा बहेगा और पर्यटन तथा व्यापार को पंख लग जाएंगे.