नई दिल्ली: राष्ट्रपति भवन के ‘दरबार हॉल’ और ‘अशोक हॉल’ का नाम बदल दिया गया है. क्रमशः ‘दरबार हॉल’ का ‘गणतंत्र मंडप’ और ‘अशोक हॉल’ का ‘अशोक मंडप’ नाम बदलकर रखा गया है.
‘दरबार हॉल’ राष्ट्रीय पुरस्कारों की प्रस्तुति जैसे महत्वपूर्ण समारोहों का स्थल है. ‘दरबार’ शब्द भारतीय शासकों और अंग्रेजों के दरबारों और सभाओं को संदर्भित करता है. भारत के गणतंत्र बनने के बाद, यानी 'गणतंत्र', इसकी प्रासंगिकता खत्म हो गई.
'गणतंत्र' की अवधारणा प्राचीन काल से ही भारतीय समाज में गहराई से निहित है. इसलिए 'गणतंत्र मंडप' इस आयोजन स्थल के लिए एक उपयुक्त नाम है. 'अशोक हॉल' मूल रूप से एक बॉलरूम था. 'अशोक' शब्द का अर्थ है वह व्यक्ति जो "सभी दुखों से मुक्त" या "किसी भी दुख से रहित" हो.
साथ ही, 'अशोक' सम्राट अशोक को संदर्भित करता है, जो एकता और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व का प्रतीक है. भारत गणराज्य का राष्ट्रीय प्रतीक सारनाथ से अशोक का सिंह शीर्ष है. 'अशोक हॉल' का नाम बदलकर 'अशोक मंडप' करने से भाषा में एकरूपता आती है.
दरबार हॉल अब ‘गणतंत्र मंडप‘ और अशोक हॉल अब ‘अशोक मंडप‘
— First India News (@1stIndiaNews) July 25, 2024
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