नगर निगम प्रशासन और जयपुराइट्स के लिए राहत की खबर, सफाईकर्मियों की हडताल खत्म,लिखित आश्वासन के बाद बनी सहमति

जयपुर: नगर निगम प्रशासन और जयपुराइट्स के लिए राहत की खबर हैं.दो दिन चल रहीं सफाईकर्मियों की हडताल आज खत्म हो गई हैं.अब फिर से शहर की बेपटरी सफाई व्यवस्था पटरी पर आएगी.सरकार से दो दौर की वार्ता के बाद सफाई कर्मचारियों ने हडताल खत्म करने का ऐलान कर दिया हैं.17 सूत्रीय मांगों को लेकर दो दिन से जयपुर शहर के सफाई कर्मचारी ने कार्य बहिष्कार कर रखा था.जिससे शहर की सफाई व्यवस्था बे-पटरी होने के साथ कचरे के ढेर भी दिखना शुरू हो गए थे.

इन मांगों पर बनी सहमति:
-सफाई कार्मिकों के रिक्त पदों पर जल्द भर्ती कराए जाने की मांग
-45 साल के बाद गंभीर बीमारी से पीडित कर्मचारी के स्थान पर उनके परिवार सदस्य को नियुक्ति
-निकायों को वेतन-भत्तों की केंद्रीयकृत भुगतान की व्यवस्था शुरू की गई
-सफाईकर्मियों की भर्ती में अनुभव को प्राथमिकता का प्रस्ताव राज्य सरकार को भिजवाया गया
-मृतक आश्रितों के लंबित प्रकरणों का 15 दिन में निस्तारण
-दोनों ही निगमों में बकाया चल रहे एरियर-डीए का भुगतान हो
-अनुकंपा नियुक्ति नियम के प्रावधानों की शिथिलता पर विभाग द्वारा परीक्षण शुरू
-मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक के पदों को बढाने के लिए प्रस्ताव सहित अन्य मुद्दों पर बनी सहमति

दो दिन बाद कल से कचरा संग्रहण करने के लिए हूपर भी घर-घर पहुंचेगा और सडकों पर झाडू भी निकलेगी.सभी वार्डों में सफाईकर्मी दो दिन बाद अपनी ड्यूटी संभालेंगे.वार्ता में 17 सूत्रीय मांगों पर सहमति बनी, जिस पर सफाई कर्मी और सफाई कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने सहमति की मुहर लगाई.संयुक्त वाल्मीकि एवं सफाई श्रमिक संघ के प्रतिनिधिमंडल की डीएलबी डायरेक्टर ह्देश कुमार शर्मा के साथ दो दौर की वार्ता के बाद हडताल खत्म करने की ऐलान कर दिया.सफाई कर्मचारियों के हडताल के कारण शहर में सफाई व्यवस्था बेपटरी होती जा रहीं थी.गलियों से लेकर मुख्य सडकों पर कचरे के ढेर फिर से दिखाई देने लगे थे और घरों का कचरा हूपर नहीं आने से सडकों पर फिर से आना शुरू हो गया था.

कर्मचारियों की हड़ताल के आगे दोनों नगर निगम प्रशासन पस्त नजर आ रहे हैं.अतिरिक्त संसाधन लगाकर सफाई का दावा किया जा रहा था लेकिन उनका दावा वीआईपी इलाकों तक ही सिमट कर रह गया है.ऐसे में आम आदमी कचरे के बीच रहने को मजबूर हो गया था. लेकिन कल से फिर से सफाई होने से शहरवासी राहत की सांस लेंगे.डीएलबी डायरेक्टर ह्देश शर्मा ने वार्ता के बाद कहा की यूनियन की सभी मांगों पर विस्तृत से चर्चा हुई हैं.यूनियन के पदाधिकारी वार्ता से संतुष्ट हैं.जयपुरवासियों को परेशान नहीं होने दिया जाएगा.स्वच्छता सैनिक ड्यूटी फिर से आएंगे और काम करेंगे.क्योंकि स्वच्छता सैनिकों के कारण ही शहर साफ-सुथरा दिखाई देता हैं.

डीएलबी डायरेक्टर ने नगर निगम हैरिटेज पहुंचकर सफाई कर्मचारियों की मांगों को लेकर हुए समझौते को लिखित में दिया और उसके बाद हडताल खत्म कर दी गई हैं.दो दिन के बाद कल फिर से जयपुरवासियों को  सफाईकर्मी काम करता हुआ नजर आएगा.उधर हडताल में शामिल नहीं हुए दूसरे गुट ने हडताल के दूसरे दिन भी अपनी-अपनी बीट में काम किया.गौरतलब हैं की जयपुर के दोनों नगर निगम में इस समय करीब 8200 सफाई कर्मचारी है.इसमें 5700 से ज्यादा कर्मचारी वाल्मिकी समाज के है.जबकि ढाई हजार कर्मचारी दूसरे वर्ग से है.संयुक्त वाल्मीकि एवं सफाई श्रमिक संघ ने अपना 17 सूत्री मांग पत्र में सफाई कर्मचारियों की भर्ती में वाल्मीकि समाज को शत प्रतिशत आरक्षण दिया जाने की मांग कर रखी  हैं.इस मांग को लेकर दूसरे वर्ग के कर्मचारियों में नाराजगी उत्पन्न हो गई.इसके बाद इन कर्मचारियों ने खुद को हड़ताल से दूर रख लिया.

आपको बता दें कि जयपुर में हर रोज करीब 1700 मीट्रिक टन कचरा उठाया जाता है.ये कचरा डोर टू डोर सर्विस के अलावा नगर निगम अपने संसाधन लगाकर सड़कों और मुख्य बाजारों से उठाता है.ज्यादातर काम अभी वाल्मिकी समाज के भरोसे ही चल रहा है. बहरहाल, आखिरकार दो दिन से नगर निगम की सफाई विंग की झाडू डाउन दो दौर की वार्ता के बाद समाप्त हो गई.इससे नगर निगम और शहर ने राहत की सांस ली है.इससे पहले सफाई कर्मचारियों के तेवर कडे़ थे.लेकिन वार्ता का न्यौता आने के साथ-साथ सुलह के बादल छंटने लगे और दोपहर में समझौता हो गया और वाल्मिकी समाज ने खुद की जीत बताया खैर जीत किसी को हो लेकिन शहरवासियों और शहर घूमने आने वाले सैलानियों को डर्टी पिच्चर नहीं देखने को मिलेगी.