विधानसभा चुनाव में सबसे कम और ज्यादा वोटिंग वाली सीटों के परिणाम, देखिए खास रिपोर्ट

जयपुरः राजस्थान विधानसभा 2023 के चुनाव के कुछ परिणामों ने चौंकाया है तो खुद चुनाव प्रबंधन को लेकर अलग तरह से संदेश भी दिया है. इस चुनाव में वोट प्रतिशत से लेकर रुझानों तक के कई ट्रेंड्स बनते-बिगड़ते दिखे तो अलग-अलग क्षेत्रों के जनता के मिजाज अनुसार नए मानक भी बनाए. पेश है खास रिपोर्ट-

विधानसभा चुनाव के परिणाम में अक्सर कुछ मानक होते हैं जिनके आधार पर सीटों का प्रत्याशियों का और नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों का आकलन किया जाता है.  इस बार के चुनाव परिणाम होने कुछ पुराने ट्रेंड्स को बदला है तो कुछ नई लकीर भी खींची है. 

2500 से कम मार्जिन से जीत वाली करीब 20 सीटें
सबसे कम मार्जिन 321 मतों से कोटपुतली से बीजेपी के हंसराज पटेल जीते
इसके बाद कठूमर से बीजेपी के रमेश खींची 409 मतों से जीते
जहाजपुर से बीजेपी के गोपीचंद मीणा580 मतों से जीते.
नोहर से कांग्रेस के अमित चाचान 895 मतों से जीते.
बायतु से कांग्रेस के हरीश चौधरी 910 मतों से जीते.
फिर हवामहल से बीजेपी के बालमुकुंदाचार्य कांग्रेस के RR तिवारी से 974 मतों से जीते
कांग्रेस में समरजीत सिंह 1027 मतों से जीते
भादरा से बीजेपी के संजीव कुमार 1132 मतों से जीते
नसीराबाद से बीजेपी के रामस्वरूप लांबा1135 मतों से जीते
बांसवाड़ा से  कांग्रेस के  प्रत्याशी अर्जुन बामनिया 1400 मतों से जीते
चौहटन से कांग्रेस प्रत्याशी आदूराम मेघवाल,1428 मतों से जीते।
आसींद से बीजेपी के जब्बर  सिंह सांखला,नगर से बीजेपी प्रत्याशी जवाहर सिंह, जायल से बीजेपी प्रत्याशी मंजू बाघमार
मावली से कांग्रेस के पुष्कर लाल डांगी,करौली से बीजेपी के दर्शन सिंह,कोटा उत्तर से कांग्रेस के शांति धारीवाल
सुजानगढ़ से कांग्रेस के मनोज कुमार, डीडवाना से निर्दलीय यूनुस खान,खींवसर से हनुमान बेनीवाल 2500 से कम अंतर से जीतने वाले प्रत्याशी
कुल मिलाकर 20 में से 10 सीटें बीजेपी ने और 8 सीटें कांग्रेस ने 2500 या इससे कम अंतर से जीती.
बची दो सीटों में से एक निर्दलीय और एक रालोपा ने 2500 या इससे कम अंतर से जीती.
50 हजार से ज्यादा और 75 हजार से कम मार्जिन से जीत वाली 10 सीटें
इनमें विद्याधर नगर से बीजेपी की दिया कुमारी सबसे ज्यादा 71368 मतों से जीतने वाली प्रत्याशी
चौरासी से जीते BAP के राजकुमार रोत उनके बाद दूसरे स्थान पर
69166 मतों से जीते राजकुमार
फिर कांग्रेस के शाहपुरा से जीते मनीष यादव 64908 मतों से जीते
62519 मतों से सहाड़ा से जीते बीजेपी के लाडूलाल पितलिया
शाहपुरा के बीजेपी के चुनाव जीते लालाराम बैरवा की जीत का अंतर 59298
पीलीबंगा से कांग्रेस के विनोद कुमार 55273 मतों से जीते.
वहीं झालरापाटन से 53193 मतों से चुनाव जीतीँ बीजेपी की वसुंधरा राजे
बेगूं से बीजेपी के सुरेश धाकड़ जीते 50661 मतों से
सूरतगढ़ से कांग्रेस के डूंगराराम गेदर जीते 50459 मतों से जीते.
झोटवाड़ा से 50167 मतों से जीते बीजेपी के राज्यवर्धन राठौड़.
जहां सबसे ज्यादा सीटें, क्या रहे
वहां के परिणाम
इस चुनाव में सबसे ज्यादा कुशलगढ़ में हुई है 88.13% वोटिंग
लेकिन यहां जीतीं कांग्रेस की रमिला खड़िया
और यह जीत भी है 9804 मतों के ठीक ठाक अंतर से
पोकरण विधानसभा क्षेत्र में इस बार  हुआ था 87.79 प्रतिशत मतदान 
जबकि पोकरण से बीजेपी के प्रताप पुरी 35427 के हैंडसम अंतर से जीते चुनाव
वहीं 86.11% वोटिंग के साथ तीसरे स्थान वाली तिजारा सीट में बीजेपी के महंत बालकनाथ भी 6173 के अच्छे मार्जिन से जीते.
सबसे कम वोटिंग वाली सीटों में क्या रहे परिणाम
वोटिंग घटने पर सत्ता स्थिरता के मिथक को लेकर दिलचस्प तथ्य
हालांकि 2018 से इस चुनाव में करीब 0.73% ज्यादा वोटिंग  होने से बदली सत्ता
इस बार 7 विधानसभा क्षेत्रों में हुई थी 65% से भी  कम मतदान
सबसे कम वोटिंग वाले आहोर में 11215 मतों से जीते बीजेपी के छगन सिंह
सिवाना में बीजेपी के हमीर सिंह भायल जीते
बामनवास सीट पर जरूर कांग्रेस की इंद्रा जीतीँ
और टोडाभीम में भी कांग्रेस के घनश्याम जीते
लेकिन जालोर में बीजेपी के जोगेश्वर गर्ग जीते
सुमेरपुर में बीजेपी के जोराराम जीते
और मारवाड़ जंक्शन में बीजेपी के केसाराम जीते
इस तरह कम वोटिंग वाली 7 सीटों में से 5 में कम वोटिंग के बावजूद बीजेपी ने मारी बाजी

क्या भाजपा के पक्ष में रही
महिलाओं की ज्यादा वोटिंग ?

इस बार 2018 के मुकाबले 0.05% ज्यादा वोटिंग हुई थी महिलाओं की
पोकरण, कुशलगढ़ और तिजारा विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक महिलाओं ने की वोटिंग
पोकरण में 88.23 प्रतिशत महिलाओं की हुई वोटिंग
यहां जीते बीजेपी के प्रताप पुरी
महिलाओं की 87.54 प्रतिशत वाली कुशलगढ़ में जीती कांग्रेस की रमिला खड़िया
जबकि 85.45 प्रतिशत महिला वोटिंग वाली तिजारा में महंत बालकनाथ भी 6173 के अच्छे मार्जिन से जीते
इस तरह कुल  महिलाओं की सबसे ज्यादा वाली 3 में से 2 सीटें जीतकर बीजेपी का रहा वर्चस्व.

मुद्दों और सरोकारों से लेकर योजनाओं और कार्यक्रमों के असर तक यह चुनाव एक अलग रंग में रंगा नजर आया.