महाकवि सुब्रह्मण्य भारती की जयंती पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने उनके परिजन से की मुलाकात

वाराणसी: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को महाकवि सुब्रह्मण्य भारती की जयंती के अवसर पर वाराणसी में उनके भांजे के वी कृष्णन से हनुमान घाट स्थित उनके आवास पर जाकर भेंट की और कुशल क्षेम पूछा.

जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि कृष्णन से मुलाकात के बाद विदेश मंत्री ने कहा कि महान तमिल साहित्यकारों में शामिल महाकवि भारती का काशी हनुमान घाट स्थित घर एक ज्ञान केंद्र और पावन तीर्थ है. उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय और महिला सशक्तीकरण पर सुब्रह्मण्य भारती की रचनाएं आज भी प्रासंगिक हैं. काशी में ही भारती का परिचय अध्यात्म और राष्ट्रवाद से हुआ. भारती के व्यक्तित्व पर काशी ने गहरा प्रभाव छोड़ा.

परिवार से मिलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ:
जयशंकर ने कहा कि महा​कवि के परिवार से मिलकर उन्हें ख़ुशी भी हुई और गर्व भी महसूस हुआ. उन्होंने कहा कि महाकवि भारती का जीवन, विचार और लेखन आने वाली पीढ़ियों को सदैव प्रेरित करता रहेगा. विदेश मंत्री ने एक ट्वीट भी किया, जिसमें उन्होंने कहा कि उन्हें महाकवि सुब्रह्मण्य भारती के जन्मदिन पर उनके परिवार से मिलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ.

सुब्रह्मण्य भारती को समर्पित एक पीठ की स्थापना की:
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 नवंबर को ‘काशी तमिल संगमम’ का उद्घाटन किया था. इस दौरान उन्होंने सुब्रह्मण्य भारती को एक महान कवि और स्वतंत्रता सेनानी बताया था. मोदी ने कहा था कि सुब्रह्मण्य भारती ने लंबे समय तक काशी में रहकर अध्ययन किया था. उन्होंने खुद को काशी के साथ इस तरह जोड़ा कि यह पवित्र स्थल उनके जीवन का हिस्सा बन गया. काशी हिंदू विश्वविद्यालय ने सुब्रह्मण्य भारती को समर्पित एक पीठ की स्थापना की है. सोर्स-भाषा