नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को कनाडा की अपनी समकक्ष मिलानी जॉली से फोन पर बातचीत की और क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य ताकत की पृष्ठभूमि में हिंद-प्रशांत में दोनों देशों के बीच सहयोग के संभावित क्षेत्रों पर चर्चा की.
कनाडा ने दो सप्ताह पहले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए एक व्यापक रणनीति बनायी थी, जिसका मकसद क्षेत्र में चीन के आक्रामक बर्ताव से पैदा हुई चुनौतियों को देखते हुए शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देना है. इसके बाद दोनों नेताओं के बीच टेलीफोन पर यह बातचीत हुई है.
कैसे हमारे संबंधों में योगदान दे सकती है:
जयशंकर ने ट्वीट किया कि कनाडा की विदेश मंत्री मिलानी जॉली से बात करके अच्छा लगा. अपने द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने तथा लोगों के बीच आपसी संबंधों को बढ़ावा देने पर बातचीत की. हिंद-प्रशांत और कनाडा की नयी रणनीति कैसे हमारे संबंधों में योगदान दे सकती है, इस पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया गया. कनाडा की हिंद-प्रशांत रणनीति में भारत को क्षेत्र में अहम देश बताया गया है और कहा गया है कि ओटावा गहन व्यापार और निवेश के जरिए नयी दिल्ली के साथ आर्थिक भागीदारी बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेगा.Good to talk to Canadian FM @melaniejoly. Spoke about enhancing our bilateral cooperation and promoting people to people ties. Also exchanged views on the Indo-Pacific and how Canada’s new strategy can contribute to our relationship.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) December 12, 2022
एक साथ काम करने की योजना कैसे बना सकते हैं:
वहीं, जॉली ने ट्वीट किया कि हमने अपनी नयी हिंद-प्रशांत रणनीति और इस पर भी चर्चा की कि भारत के अगले साल जी-20 की अध्यक्षता संभालने पर हम लोगों के बीच परस्पर संबंधों को मजबूत करने तथा अपने साझा हितों को आगे बढ़ाने पर एक साथ काम करने की योजना कैसे बना सकते हैं. कनाडा की हिंद-प्रशांत रणनीति में चीन के बढ़ते आक्रामक बर्ताव पर भी चिंता व्यक्त की गयी है. इसमें कहा गया है कि चीन ने वृद्धि एवं समृद्धि के लिए नियमों पर आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था से फायदा उठाया लेकिन अब वह और फायदा उठाने के लिए इन नियमों की सक्रियता से पुन: व्याख्या कर रहा है. सोर्स-भाषा