VIDEO: नगर निगम में सफाई कर्मचारियों को बनाया चुनाव अधिकारी, मतदान में कैसे संभालेंगे जिम्मेदारी ?, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: किसी कर्मचारी को अधिकारी बना दिया जाए तो इससे बड़ी बात क्या होगी और भी विना पढा लिखा. लेकिन इन दिनों जयपुर नगर निगम के सफाई कर्मचारी भारी असमंजस में है. निगम के सफाई कर्मचारियों को चुनाव में अधिकारी बना दिया गया है. सफाई कर्मचारी इस बात से हैरान है कि बेहद कम शैक्षणिक योग्यता के कारण सफाई का काम छोड़ कर वे मतदान में अधिकारी की जिम्मेदारी किस प्रकार संभालेंगे. 

राजस्थानी जयपुर के नगर निगमन में तैनात सफाई कर्मचारियों को चुनावी ड्यूटी पर बुलाया जा रहा है. चुनाव से पहले मतदान प्रशिक्षण को लेकर इन्हें जिला निर्वाचन अधिकारी की ओर से आदेश मिला है. जिसकी कोताही बरतने पर इन्हें दंडात्मक कार्रवाई के लिए तैयार रहने को कहा गया है. लेकिन इनमें से ज्यादातर सफाई कर्मचारियों के लिए हैरान करने वाली बात यह है कि वह कई साल से नगर निगम में कार्यरत है लेकिन पढ़ना लिखना नहीं जानते हैं यानी अशिक्षित हैं. वह केवल सफाई का कार्य करते है.

लेकिन फिर वह चुनाव में पीठासीन अधिकारी और मतदाता अधिकारी की जिम्मेदारी कैसे निभा पायेंगे. क्योंकि उन्हें मिले जिला निर्वाचन अधिकारी के आदेशों के बाद कई सफाई कर्मचारी टेंशन में है, तो कई आक्रोश जताते हुए नगर निगम कमिश्नर के पास भी पहुंचे. कर्मचारियों को कहना है कि कई बुजुर्ग महिला सफाई कर्मचारियों को भी अधिकारी के तौर पर ड्यूटी में लगाया गया है.

सफाई कर्मचारी संघ की माने तो पहले से त्योहार के सीजन में नगर निगम सफाई कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है. सफाई व्यवस्था के लिहाज से शहर में इस समय सफाई कर्मचारियों की तैनाती को बढ़ाने पर जोर देना चाहिए . दिवाली का त्यौहार नजदीक है और शहर में सफाई व्यवस्था दुरुस्त होने की बेहद जरूरत है लेकिन ऐसे वक्त में करीब ढाई हजार सफाई कर्मचारियों की ड्यूटी चुनावी कार्यों में लगाई गई है इससे शहर की सफाई व्यवस्था पर भी असर पड़ सकता है. जिन कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है उन्हें सफाई संबंधी कार्यों में लगाया जा सकता है लेकिन मतदान और पीठासीन अधिकारी बने जाना कैसे मुमकिन होगा. इधर मामले में नगर निगम ग्रेटर कमिश्नर बी एल गोयल का कहना है की सफाई कर्मचारी की ड्यूटी को लेकर जिला निर्वाचन अधिकारी से बातचीत करेंगे. उन्हें भी इस बात का अंदेशा है कि लिपकीय त्रुटि के कारण गड़बड़ी हुई है.

बरहाल जिला निर्वाचन कार्यालय की ओर से लगाई गई ड्यूटीज में लिपिकीय गड़बड़ी है या फिर सफाई कर्मचारियों से पीठासीन अधिकारी या मतदान अधिकारी के रूप में काम लिया जाना है. यह तो कर्मचारियों को भी नहीं पता, लेकिन अशिक्षित कर्मचारी अधिकारी की भूमिका कैसे निभा पायेंगे इस बात की चिंता उन्हें परेशान कर रही है. इसे लेकर इसे लेकर अब जिला निर्वाचन को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए.