नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने पुलिस की ओर से दाखिल आरोपपत्र को वेबसाइट पर डालने और उन तक स्वतंत्र पहुंच का अनुरोध करने वाली एक जनहित याचिका पर सोमवार को फैसला सुरक्षित रख लिया.
न्यायमूर्ति एम आर शाह और न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार की पीठ ने याचिकाकर्ता के अधिवक्ता प्रशांत भूषण की दलीलों को सुना और कहा कि वह इस पर फैसला सुनाएगी. हालांकि शीर्ष अदालत ने कहा कि अगर प्राथमिकी उन लोगों को मिल गई जिनका मामले से कोई लेना देना नहीं है,मसलन गैर सरकारी संगठन आदि,तो इसका दुरुपयोग हो सकता है.
भूषण ने कहा कि जनता को यह जानने का अधिकार है कि आरोपी कौन है और उक्त अपराध किसने किया है. गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय पत्रकार सौरभ दास की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई कर रहा है जिसमें दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 173 के अनुरूप पुलिस की ओर से दाखिल आरोप पत्र तक स्वतंत्र पहुंच का अनुरोध किया गया था. सोर्स- भाषा