रेपो दर में वृद्धि अभी रोकी है, पर भविष्य में जरूरत के हिसाब से कदम उठाएंगे : शक्तिकांत दास

मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने स्पष्ट किया है कि इस बार प्रमुख नीतिगत दर रेपो में कोई बदलाव नहीं किया गया है, लेकिन यह कदम कोई स्थायी नहीं है. चालू वित्त वर्ष की पहली मौद्रिक समीक्षा बैठक के बाद दास ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) भविष्य में ब्याज दर के मोर्चे पर जरूरत के लिहाज से कदम उठाएगी.

दास ने कहा कि यदि मुझे एक लाइन में आज की मौद्रिक समीक्षा के बारे में बोलना हो, तो मैं यही कहूंगा कि रेपो दर में बदलाव नहीं हुआ है, लेकिन यह कदम स्थायी नहीं है. इससे पहले दिन में छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति ने सर्वसम्मति से रेपो दर को 6.50 प्रतिशत पर कायम रखने का फैसला किया. हालांकि, केंद्रीय बैंक का यह फैसला विश्लेषकों के लिए हैरान करने वाला है. विश्लेषक मान रहे थे कि रिजर्व बैंक नीतिगत दर में बढ़ोतरी को रोकने से पहले रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की एक और वृद्धि करेगा.

रिजर्व बैंक ने मई, 2022 से रेपो दर में ढाई प्रतिशत की वृद्धि की है. दास ने कहा कि रिजर्व बैंक नीतिगत दर में अबतक की गई वृद्धि के प्रभाव का आकलन करना चाहेगा. रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर माइकल पात्रा ने कहा कि कच्चे तेल का औसत दाम 85 प्रति डॉलर पर रहने के अनुमान के आधार पर रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को मामूली बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया है. पहले यह अनुमान 90 डॉलर प्रति बैरल पर आधारित था. सोर्स भाषा