VIDEO: SMS में ऑपरेशन माउस, चूहों के आतंक से परेशान एसएमएस अस्पताल प्रशासन, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: राजस्थान के सबसे बड़े एसएमएस अस्पताल में ऐसे तो हर मर्ज का इलाज बखूबी किया जाता है, लेकिन 1 मर्ज ऐसा है जिसका इलाज अस्पताल प्रशासन नहीं ढूंढ पा रहा.इस मर्ज ने अस्पताल को पूरी तरह से अपने गिरफ्त में ले लिया है.आलम ये है कि इस मर्ज का इलाज तलाशने के लिए पूरे अस्पताल प्रशासन को एक सर्च ऑपरेशन तक चलाना पड़ा.आखिर क्या है ये मर्ज, जो सबके लिए बन चुका है नासूर. राजधानी का एसएमएस अस्पताल एक तरफ जहां मेडिकल सुविधाओं के लिए नित नए आयाम स्थापित कर रहा है.

हर मर्ज का इलाज भले ही अस्पताल में उपलब्घ है, लेकिन अस्पताल परिसर को अपनी आरामगाह बना चुके चुहों का इलाज अब तक नहीं ढूंढ पाया है.पिछले लंबे समय से एसएमएस अस्पताल प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती यहां के चूहे बन चुके है. आलम ये है कि चूहों ने ना तो वार्ड छोड़े और ना ही ओपीडी.हद तो ये हो गई कि अत्यंत गंभीर श्रेणी के मरीजों के आवाजाही वाले आईसीयू और ऑपरेशन थियेटर में भी चूहों का आतंक है.

चूहों के आंतक की शिकायतें दिनोंदिन बढ़ी, तो अस्पताल प्रशासन की भी नींद उड़ गई.समस्या ये थी कि एसएमएस परिसर में कब्जा जमा चुके इन चुहों से कैसे निजात मिल पाए.तमाम जनत किए गए, लेकिन जब कामयाबी हाथ नहीं लगी तो पूरे अस्पताल में शुरू किया गया ऑपरेशन माउस.सर्च ऑपरेशन की जिम्मेदारी सभी प्रशासनिक अधिकारियों को सौंपी गई, जिसमें सबसे बड़ा टॉस्क ये था कि आखिर इन चूहों का गढ़ कहां-कहां पर है.

अस्पताल परिसर के अन्दर और बाहर दर्जनों जगहों पर चूहों के गढ़ मिल तो गए, लेकिन उस गढ़ में छिपकर बैठे चूहों को कैसे बाहर किया जाए.ये सबकी समझ से बाहर था.ऐसे में खुली जगहों को चिन्हित करके पानी की बौछारें डाली गई.लेकिन नतीज रहा सिफर.चूहों के आंतक से एसएमएस अस्पताल कब मुक्त होगा, ये तो भविष्य के गर्भ में छिपा है, लेकिन इतना तो तय है कि ये चूहें अस्पताल को करोड़ों रुपए का फटका जरूर लगा चुक है.ऐसे में अब देखना ये होगा कि चूहों को बिल से बाहर निकालने के लिए क्या क्या तरीके आजमाता है.