विधानमंडल की भावना की रक्षा की जानी चाहिए- आरिफ मोहम्मद खान

तिरुवनंतपुरम: केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने सोमवार को कहा कि विधानसभाएं लोगों की इच्छा और कानून की भावना का प्रतिनिधित्व करती हैं और विधानमंडल की मंशा की रक्षा की जानी चाहिए. खान ने बजट सत्र की शुरुआत के मौके पर राज्य विधानसभा में अपने नीतिगत संबोधन में कहा, ‘‘ मेरी सरकार उस संवैधानिक मूल्य के लिए प्रतिबद्ध है कि विधायिका की भावना कानून के रूप होनी चाहिए. राज्यपाल ने यह बयान ऐसे समय में दिया जब राज्य सरकार कुछ विधेयकों पर उनकी सहमति का इंतजार कर रही है, जिनका उद्देश्य राज्य में विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के रूप में उन्हें हटाना है.

खान ने अपने संबोधन में कहा कि संविधान ने संघ और राज्यों को विधायी स्थान प्रदान किया है और इसलिए राज्यों के विधायी क्षेत्र में घुसपैठ ‘‘एक सहकारी संघीय व्यवस्था के लिए सही नहीं है. उन्होंने कहा कि हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था के सुचारू परिचालन के लिए व्यवस्था में नियंत्रण और संतुलन का सावधानीपूर्वक पालन किया जाना चाहिए. विधानसभाएं लोगों की इच्छा का प्रतिनिधित्व करती हैं. कानून की भावना और विधायिका की मंशा की रक्षा करनी होगी. राज्यपाल ने कहा कि उनकी सरकार संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है,  जो वर्तमान में कई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं.’’ खान ने कहा, ‘‘ धार्मिक, भाषाई और अन्य क्षेत्रों में आधिपत्य की प्रवृत्ति एक मजबूत लोकतंत्र के निर्माण में बाधा डालती है, जो (लोकतंत्र) अपनी एकता को मजबूत करने के लिए विविधता का सम्मान करता है. उन्होंने कहा कि इसलिए लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता, बहुलतावादी मूल्यों और संघवाद हमारी राष्ट्रीय एकता की महत्वपूर्ण नींव है और संविधान के मूल ढांचे के हिस्से की रक्षा के लिए विशेष प्रयास किए जाने की आवश्यकता है.

खान ने नीतिगत संबोधन में कहा कि एक मजबूत राष्ट्र के पास एक मजबूत केंद्र, सशक्त राज्य और सक्रिय रूप से काम करने वाली स्थानीय सरकारें होनी चाहिए. खान ने अपने संबोधन में प्रेस की स्वतंत्रता को एक मजबूत लोकतंत्र का ‘‘मूल’’ बताया और कहा कि मीडिया की स्वतंत्रता व निष्पक्षता सुनिश्चित की जानी चाहिए. खान ने कहा कि देश के कई हिस्सों में अलग-अलग तरीकों से प्रेस की स्वतंत्रता को कम करने के मामले सामने आए हैं और उनकी सरकार हमेशा मीडिया की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है. केरल विधानसभा का 33 दिवसीय बजट सत्र राज्यपाल के नीति अभिभाषण के साथ शुरू हुआ. सत्र 30 मार्च को सम्पन्न होगा. राज्यपाल के अभिभाषण के लिए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा 25 जनवरी, एक और दो फरवरी को होनी है. वित्त मंत्री के. एन. बालगोपाल तीन फरवरी को अगले वित्त वर्ष के लिए वाम लोकतान्त्रिक मोर्चा (एलडीएफ) सरकार का बजट पेश करेंगे. बजट पर छह से लेकर आठ फरवरी, तीन दिन तक चर्चा की जाएगी. सोर्स- भाषा